लेखनी बनाम व्यापार

मेरी लेखनी हैं अनमोल मेरे भावों का कोई क्या लगाएगा मोल ।। # मैं! लिखता नही अपने मन के दस्तावेज़ बिकने वास्ते ! मेरे हर एक शब्द के मोती हैं । मेरे लख्ते ज़िगर ।। उनका व्यापार कर, मैं नहीं भरना चाहता लालच की गागर ।। ना ही कमाना चाहता उससे .......

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       19-04-2022

कलंक या काजल बना मैं

मैं ! कलंक बन बदनाम हुआ या आंखों का सुरमा बन हूं दमका कोरो में ।। # आंखों की कोरो में जब जब सुरमा हैं सजता । आंखों की रंगत ही पूरी तरह बदलता ।। सुरमा ये, हैं झुकी पलकों संग,शर्मों हया का दामन हैं बनता । पर जब जब ,ये ढलता हैं कोरो से कर उलंघन श

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       19-04-2022

वार तो होंगे

रास्ता रौशनी चुनी है, हम पर वार तो होंगे। चाहने वाले होंगे, दुस्मन भी दो चार तो होंगे।। कठिन इस राह में, फूल मालायें मिलती नहीं। उसूलों की डगर में, यक़ीनन ख़ार तो होंगे।। जिन्होंने ज़िंदगी अपनी, गुज़ारी है हसद में ही। फ़िर वो...

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ब्रह्मा मुहूर्त में उठने की परंपरा क्यों..?

रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्

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शाम की चाय

अहमदाबाद की प्रचंड गर्मी और उस पर मई का महीना था। हम सब बैंगलुरू से अहमदाबाद आए थे। मेरे बेटा का तबादला हुआ था। उस वक्त मैं और मेरे पति उसी के पास थे। मई और जून के महीने में, मैं सकोरे में पानी भरकर बरामदे में रख देती थी। अगर किसी दिन मैं भूल जाती,...

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       18-04-2022

रूह का परिंदा

ये, रूह का परिंदा ना जाने क्या गुहार करे । बस,हो बेबस सा तुझसे मिलने की पुकार करे ।। मन में ख़्वाब सजाएं हजार अपने हमनवा संग मिलकर बस,उनके पूरे होने की दरकार करे । ये, रूह का परिंदा भी ना जाने क्या गुहार करे ।। तस्वीर से तसव्वर तक के सफर में, हु

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       18-04-2022

दंगे का दावानल

हिंदू न मरता है न मुसलमान मरता है। दंगे के दावानल में एक इंसान मरता है ।। क्यों आग लगी , कैसे लगी किसने लगाई प्रश्नों के समंदर में बस ईमान मरता है ।। जिन्होंने खड़ी की है मजहब की दीवारें उनको क्या खबर थी घातक होंगी दरारें धर्म के ठेकेदारों

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       17-04-2022

धैर्य

कब तक मेरे धैर्य की परीक्षा का ये क्रम चलेगा, मेरे सब्र का बांध आखिर कब तक मजबूत रह सकेगा। आखिर इसे भी एक दिन टूटना ही है आज, कल या फिर आने वाले कल में। क्योंकि हर चीज की एक सीमा होती है और मेरे धैर्य की सीमा अब सीमा पार कर रही है, मेरे धैर्य की पतवार फिस

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       17-04-2022

क्या यही है मानव जीवन ??

मानव जीवन की सोचनीय दशा को प्रदर्शित करती एक काव्य रचना I

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अपना गांव

मेरा मन करता है एक बार चले फिर घूमें अपना गांव !! सुबह में ऊषा की लाली बिखेरती चंचल किरणों को लुटाता शीतल मन्द पवन मलय के कोमल अंगों को सुन कोयल की मीठी कूक, ठहर जातें हैं बरबस पांव । मेरा मन करता है एक बार चलें फिर घूमें अपना गांव ।। फैलती खेतों में

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वीरों की गौरवगाथा

इतना क्यों चिल्लाते हो । संशय कर के शूरवीरों पर राजनीति चमकाते हो ।। मांग रहे सबूत भला क्यों यह कैसी परिपाटी है । दुश्मन की उठती पीड़ा पर तड़प रही क्यों छाती है ।। शौर्य पराक्रम से जो लड़ते उनको तुमको मान नहीं है ।

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       16-04-2022

चुनावी कटाक्ष

चुनावी सरगर्मियां चरम पर जब आने लगती हैं । कौन सगा हैं । हैं कौन ,विरोधी, ये स्वतः इनके कारनामे बतलाने लगते हैं । बतलाने लगते हैं ।। पूरे,वर्ष जो बैठे थे जनाब, काहिल बनकर, साधे चुप्पी । वो भी सीधे साधे,ईमानदार और साहसी प्रत्याशी की निष्ठा और प्र

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       16-04-2022

युवा काव्य रचनाकार को कविश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया गया

अमर उजाला, 16अप्रेल 2022 जनपद सिद्धार्थनगर के सूर्यप्रकाश त्रिपाठी श्रीराम नगरी अयोध्या में काव्य लेखन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सम्मान समारोह में कविश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किए गए हैं। समारोह में उन्होंने आयोध्या के श्रीराम आश्रम अयोध्या के

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जंगल और पर्वत का संबंध

जंगल और पर्वत के दरमियान बसी हैं कुदरत की प्रेम निशानियां ।। # जंगल जंगल घूमता हूं मैं, ढूंढने को प्रेम की निशानियां । और पर्वत पर्वत चढ़ के जाता हूं मैं ! खोजने कुछ अंश मोहब्बत के जो, नामे वफ़ा हैं कुदरत के ।। ये,खूबसूरत से पर्वत और पहाड़ की कहान

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       15-04-2022

पशुपालन संबंधित सूचनाएं

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत ब्रूसेला टीकाकरण अभियान दिनांक 11 अप्रैल 2022 से 10 मई 2022 तक जनपद आजमगढ़ में किया जा रहा है यह एक जीवाणु जनित रोग है जिससे पशु का अंतिम तिमाही में गर्भपात हो जाता है इसका कारण संक्रमित पदार्थ के संपर्क....

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जंगल हैं शुद्ध वायु का मुख्य श्रोत

जंगल स्वतः हैं ऑक्सीजन या शुद्ध वायु का श्रोत ।। # प्रकृति में हर असंभव को संभव बनाने की क्षमता हैं । जो, तकनीकी या विज्ञान के द्वारा संभव नहीं प्रकृति, उसकी भी भरपाई कर देती हैं । पेड़ पौधों में ऑक्सीजन या शुद्ध वायु प्रदान करने की असीम क्षमता ह

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       15-04-2022

मेरी प्यारी तोंद

यह अच्छी बात नहीं है कि आप सब मेरा नहीं मेरी तोंद का इतना मजाक बनाते हो अरे बेशर्मों!तनिक नहीं शर्माते हो। अब इसमें मेरा क्या कसूर है जो मेरी तोंद आपको लगती तरबूज है, आपको मेरी मेहनत नजर नहीं आती मेरी

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       14-04-2022

हिन्दुस्तान अखबार में प्रकाशन

सदर प्रखंड के नवादा गांव निवासी रवि नंदन भारद्वाज के पुत्र राजीव भारद्वाज श्रीराम नगरी अयोध्या में व्यंग्य लेखन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सम्मान समारोह में व्यंग्य भूषण सम्मान से सम्मानित किए गए हैं। समारोह में उन्होंने आयोध्या के सांसद लल्लू स

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घूंघट

पुरानी प्रथाएं निभाई जाए या आधुनिक तकनीक अपनाई जाए । जहां,एक तरफ घूंघट का सिर पर होना जरूरी था ।। वही,आज मान ,मर्यादा का हनन कर साहब! घूंघट तो दूर कही अपनी बारी का समय गिनता हैं और यहां तो हुजूर!

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श्री राम अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव अयोध्या में प्रतिभागिता के लिए धन्यवाद ज्ञापन।

कर्मभूमि अयोध्या में श्री राम अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में माननीय सांसद लल्लू सिंह जी* से आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला साथ ही पी.आई.यू. संस्था के संस्थापक श्री सुरेश कुमार शर्मा (प्रियदर्शिनी) एवं अयोध्या के *महांत सुधीर दास जी* के कर कमलों

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बाबा साहेब का जीवन था संघर्ष की खान

14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू के एक गांव में इस महान विभूति जन्म होना । कोई साधारण नही था । वो एक असाधारण व्यक्तित्व और बहुमूल्य प्रतिभा के धनी थे ।। बाबा साहेब का जीवन काल, बचपन से ही गरीबी, संघर्षों,जातिवाद,भेदभाव और छूत अछूत की विडंबनाओ

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मधुरिम सा संबंध नदी और जंगल का

बड़ा मधुरिम सा संबंध नदियां और जंगल का ।। # जल स्रोत जब नदी का चूमता हैं किनारा जंगल का आवेग के साथ ।। धरती होती हैं गदगद और करती भीतर ही भीतर कंपन हिलोरे मारता हैं नदी का अस्तित्व जब जब, हलचल सी होती हैं धरती के सीने में ।। खुशी की लहर जल की

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       12-04-2022

पंछी खोजते अपना आशियां वृक्षों की डाल पर

पंछी खोजते अपना आशियां वृक्षों की डाल पर

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       12-04-2022

मेले की महंगी कुल्फी

यह कहानी एक ऑफिसर बेटा और किसान पिता की है। गांव के आंचल में पला बढ़ा बेटा शहर में ऑफिसर बनता है। एक छोटे से गांव से शहर तक का सफ़ल सफ़र रोचक है। बेटा भले ही शहर में नाम शोहरत कमाता है। परंतु अपनी गांव की सादगी से बिछड़ता नहीं है। सरल स्वभाव उच्च विचार का

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       11-04-2022

मुक्कमल

यह जग को मंजूर नहीं है ‌। सुख समृद्धि यश मिले सभी को दुनिया का दस्तूर नहीं है ।। उलझा हुआ गणित जीवन का दो-दो चार नहीं हो पाते ।

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