वजनी नाम हैं चर्चित बहोत
बाबू मोशाय जिस दिन,तेरे नाम की गूंज होगी चहु ओर अच्छे अच्छे,बड़े से बड़े सितारे गिरफ्त में होगे तेरी सख्शियत के दायरे में । कभी कभी,
Read Moreहे शारदे मां
धवल वस्त्र, सिर मुकुट सुशोभित कर-पुस्तक , वीणा का स्वर है । कमल आसने , हंस विराजती हे शारदे मां नमन तुम्हें है ।। अज्ञानता का तिमिर नाशकर तुम
Read Moreमां की कोख
जब नन्ही सी जां पनपती हैं मां की कोख में अनगिनत एहसासों,अनगिनत ख्यालों और अनगिनत मस्तिष्क में लेकर सवालों को पलती,बढ़ती होगी वो ,जां मां की कोख में ।। जिस सुख ,दुख ,हैरानी और परेशानी के अनुभव
Read Moreममता का आंचल
मां की ममता का रंग ना कभी फीका पड़ता, मां के आंगन में है खुशियों का पिटारा। मां शब्द से ही है प्रेम की परिभाषा परिपूर्ण, ममता का सागर
Read Moreबिन मौसम की बरसात
बिन मौसम की बारिश में भीगा भीगा सा मैं ! जैसे, एहसासों के हाथों से थोड़ा फिसला सा मैं बिन मौसम की बारिश में मैं । बिन मौसम की बारिश में मैं,
Read Moreमां की परछाई बेटी
नियति का अजीब ही खेल है पिता के लिए बेटी मां है अनकहा अनोखा यह रिश्ता मां का कलिजा बेटी में समाया। पिता के लिए बेटी मां की परछाई है पिता की कलाई थामे
Read Moreरिश्तों की डोर
अंततः वो समय आ ही गया जिसकी प्रतीक्षा रवि को थी। फ़ोन पर साहित्यिक आयोजन से शुरू हुई बातचीत से यदा कदा चलने वाला सिलसिला कब अनजाने रिश्तों की डोर मजबूत करता चला गया कि पता ही न चला। अधिकार से किए आग्रह को अब रवि के लिए टालना संभव नहीं
Read Moreमेरे मन के उदगार
भाव विव्हल हो जब मैं पिरोती हूं शब्दों को माला में यकीन मानिए, मन को हर बंदिशों से जैसे जंजीरों की कैद से बरी करती हूं ।। हैं ! मन दरमियान एहसासों का ज़खीरा कुछ यूं बेपनाह,बेहिसाब
Read Moreमूर्ति पूजा का मज़ाक उड़ने वालो सुन लो
हम हिंदू अपनी आस्था और अपने भगवान को मूर्ति के माध्यम से देखते हैं और महसूस करते हैं, और खुद को भगवान की मूर्ति के सामने एकाग्र करके शांति,शक्ति,सकारात्मक ऊर्जा भी पाते हैं और नई ऊर्जा से भर जाते हैं!या यूं कहूं कि मूर्ति के माध्यम से हम साक्षात अपने भगवा
Read Moreभावों की खुशबू
सब कुछ योजनानुसार चल रहा अचानक जो हुआ उम्मीद से बहुत आगे, सब कुछ इतना तीव्र था कि समझना मुश्किल था। ऐसा भी हो सकता है, मन हाँ- न के उहापोह में उलझकर रह गया।
Read Moreकाश मै दरोगा होता...
एक दरोगा सभी रस को अपने अंदर सम्माहित रखते हैं, श्रृंगार रस का वर्णन वो अक्सर अपराधी के घर जाकर प्रयोग करते हैं और वीर रस जब समूह में होते हैं तब। गरीब से जब पैसा निकालना होता है तो करुण रस और जब कभी पकड़े जाने पर दांत निपोर लेते हैं तो हास्य रस इनमें सहज
Read Moreअहम की भाषा
हर एक भाषा का ज्ञान अर्जित किया मैंने बड़े ही सहज भाव से । पर न कर सका दिल के क़रीब मुंह की जबानी भाषा अहम,गुरुर और घमंड की बेशर्मियत की अदाओं में । अदब, लिहाज़ और सौम्यता की चादर
Read Moreसंतोष ही उन्नति के मार्ग है।
एक राजा,अक्सर गांव-गांव जाकर प्रजा और लोगों की समस्याओं को सुनता था और उनमें सुधार की पूरी कोशिश करता था। उसकी कर्तव्यनिष्ठा के चर्चे दूर देशों तक फैले हुए थे। एक बार राजा प्रजा की समस्याओं को जानने निकले थे। उसी दौरान राजा के कुर्ते का एक बटन टूट....
Read Moreबेजान में भी जान हैं पनपती
गुजरा मैं सहसा एक डगर से इत्तेफाक से,मिल बैठा इस बेबस से । मैं! ठहरा, रुका जरा सा । कुछ पल वास्ते,बैठा उसके कुछ करीब सा ।। एक बेजुबां का जाना हाले दिल और अहसास कर गुजरा उसके दर्द से आखिर में,
Read Moreचार आने का हिसाब
बहुत समय पहले की बात है , सूर्यपुरा राजा बड़ा प्रतापी व कवि थे , दूर-दूर तक उसकी समृद्धि की चर्चाएं होती थी, उसके.. महल में हर एक सुख-सुविधा की वस्तु उपलब्ध थी पर फिर भी अंदर से उसका मन अशांत रहता था। बहुत से विद्वानो से मिला, किसी से कोई हल प्राप्त नहीं
Read Moreई आदमी, आदमी हे
अंधेरे में रहे हे दिया न जलावे हे लबर-लबर करे हे ई आदमी, आदमी हे..?
Read Moreपहली मोहब्बत
पहली मोहब्बत का गम भी बड़ा अजब हैं । जैसे,फलक पर सितारे कुछ कम हैं । घड़ियां इंतजार की पड़े भारी इस दिल पर लगता हैं ऐसा इश्क में मिठास की चासनी थोड़ी कम हैं ।।
Read Moreसिलवट माथे की
जैसे, उबाई संग तन ले रहा हो करवट जरा सा खटका,तनिक सा मन को झटका आखिर! आ ही जाती हैं मस्तक पर सिलवट ।। वस्त्र की सिलवट चली जाती हैं स्त्री के बाद पर ये माथे की सिलवट ना जाए लाख जतन के बाद । आखिर ! क्यूं आती हैं रेखाएं माथे पर थकन और उलझन की क्यूं,द
Read Moreभगत और भगवान
रिश्ता आसान ना भगत और भगवान का । एक तन धारण कर धरा पर आता हैं तो, दूजा उसकी परवाह पालन,पोषण की फ़िक्र में तमाम घडिया और समय का चक्र ही घूमा देता हैं । आसान ना संबंध
Read Moreअतिथ्य सत्कार एवं प्रेम के एक मिशाल मोहम्मद सकील साहब
भारत बिभिन्न धर्म सम्प्रदायों के मिश्रण वाला देश है और यहाँ की सुरु से ही सभ्यता संस्कृति आपसी एकता, भाईचारे, प्रेम एवं सौहार्द से परिपूर्ण रहा है। यदि अतिथ्य सत्कार की बात हो तो इस देश की परम्परायें सुरु से ही समृद्ध रही है, यहाँ अतिथियों का आदर सत्कार..
Read Moreभारत के अनुसंधान केंद्र और उसके मुख्यालय
इस ब्लॉग पोस्ट में आपको भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों तथा उसके मुख्यालय की जानकारी होगी।
Read More

















.jpeg)






.jpeg)