कविता/दोहा
नव वर्ष की मंगल कामनाएं
बीत रहा है वर्ष यह, कृपा करो रघुराज । मंगलमय नववर्ष हो, पूरण हो हर काज ।। सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति मिले, चहुं दिश हो यश गान। मंगल नूतन वर्ष हो, मिले मान सम्मान ।। कृपादृष्टि राखो प्रभु,दो अनुपम उपहार । कर्म परायण से मिले, खुशियों का..........
Read Moreआंगन में बिछी..चारपाई!🍁
अगर आपकी उम्र पचास की है.. तो आप बहुत नसीबवान हो, "आंगन में बिछी उस चारपाई" की.. आप आख़री चश्मदीद पहचान हो। उस चारपाई पे दादाजी को आपने आंगन में हुक्का भरते देखा होगा, हुक्के की चिलम से उठता धुंआ.. और गुड़गुड़ाहट को सुना...
Read Moreआंगन में बिछी..चारपाई!🍁
अगर आपकी उम्र पचास की है.. तो आप बहुत नसीबवान हो, "आंगन में बिछी उस चारपाई" की.. आप आख़री चश्मदीद पहचान हो। उस चारपाई पे दादाजी को आपने आंगन में हुक्का भरते देखा होगा, हुक्के की चिलम से उठता धुंआ.. और गुड़गुड़ाहट को सुना हो..
Read Moreमन का मंदिर
मन का मंदिर भटक रहा है मन तड़प रहा है मन कलयुग के जाल में उलझ रहा है जीवन। आत्मशांति की तलाश में अन्धकार के मायाजाल में खो गया है मन। दौड़ रही हैं ज़िंदगी ना जानें किस पथ पर पीठ पर आधुनिकता का चाबुक है चल रहा सब चल रहे जीवन के अज्ञात लक्ष्य पर...
Read Moreबिंदिया..🌹
मेहताब से चमकते रुख़ पे.. ऑफ्फ.!दमकती नन्हीं सी बिंदिया.. ज़लज़ला जगा जाती है त़कव्वुर में.. अंखियों से चुरा जाती है निंदिया.! नयनों के बीच इठलाती है बिंदिया.. छेड़ जाती है.. हजारों तरन्नुम, त़ल्खी मिटा जाती है जिग़र की.. लबों..
Read Moreदिल के आईने में
नैन किसी से जब लड़ जाएं चैन ह्रदय फिर कहाँ पाए छत पर बैठ बस राह ताकते हैं दिल के आईने में बस वही झांकते है। हवाएं सर सर लहरायें फूलों में बसंत छा जाए चुनरी धानी सरक सरक जाए दुआओं में हम बस तुम्हें मांगते है दिल के आईने में बस......। दुनिया से...
Read More... कल की परछाईं!🗿
करदो आजाद मुझे,उन रूढ़ीवादी प्रपंचों से, मुझे नवीन विचारों की सोच में रहने दो.. तोड़ के उन प्राचीन धाराओं का आडंबर.. मुझे नवीन धाराओं की प्रवाह में बहने दो। धरोहर में मिली संस्कारों की पूंजी को.. विकास की इस प्रतिस्पर्धा में जी लेने दो, भारतीय...
Read Moreएक दिया इनके नाम का...
खुशियां भरपूर.. खूब मनाना, दीप माला प्रज्वलित कर के.. "जय श्री राम" का जय घोष लगाना। पर,खुशियोंकी इस,प्रमोद लहर में, उन"रणवीरों"को याद कर लेना, "प्रकाशित रहे हिंद हमारा" कहकर, छलनी कर लिया,अपना सीना। अपने प्राणों की आहुति देकर..
Read Moreमिट्टी के दीए जलाते हैं..
दो नन्हे हाथ.. चल रहे हैं, मिट्टी से दिए..बना रहा वो.. मन में..सपनों के दिए जल रहे हैं! उन दिपों को बाजार में बेच.. कुछ पैसे वह .. कमएगा, कुछ पैसों से अस्त बाजी.. और,कुछ से दीप जलाएगा। वह देखो एक जवान बेटा.. मिट्टी...
Read Moreअच्छा हो एक दीप जलाएं...
अच्छा हो एक दीप जलाओ सोए मन दर्पण के भीतर नन्हा सा एक दीप जलाओ अलसाई नींदों से जागो खुशियों का संगीत बजाओ अच्छा हो एक दीप जलाओ ।। टूटे मन की बेबसी ऐसा सुंदर गीत सुनाओ फूटे नया सवेरा जग में एक ऐसा संदेश फैलाओ अच्छा हो एक दीप जलाओ।। रंग रूप..
Read Moreचाय की चुसकियाँ
दिन की शुरुआत होती है, चाय की चुसकियों से | शरीर में ताजगी भर जाती है, चाय की चुसकियों से | सिर का दर्द ठिक होता है, चाय की चुसकियों से | तनाव दूर होता है, चाय की चुसकियों से गुस्सा ठंडा हो जाता है, चाय की चुसकियों से दिमाग़ हल्का...
Read Moreबे फ़िज़ूल गुरुर..
कुछ दिनों से गुरुर सा हो गया है, ज़मीर,अभिमान में मग़रूर सा हो गया है! अभी तो पहले पायदान पर रखा है कदम.. आखिरी पायदान के..सुरूर में खो गया है! बेहतर हूं मैं..सानी नहीं मेरा कोई.. दिमाग़ में ना जाने कैसे,फितूर छा गया है! मिल जाए मुझे,हर पग पर
Read Moreप्रेम की बरसात
सावन के सुहाने मौसम में दो प्रेमी कैसा अनुभव करते है; इन्हीं भावों को बतलाती यह रचना ऋतु वर्णन व प्रेम की अनुभूतियों को भावात्मक रूप से प्रस्तुत करती है। झूम के आया सावन, प्रेममय मन मौज में गाने लगा। प्रेम की बरसात में रंग गया तन-बदन सतरंगी रंग...
Read Moreजटिल हो गई है जिंदगी!
बड़ी जटिल हो गई है जिंदगी, ख्वाबों में सिमट गए हैं अरमान, जरूरतें पूरी करते-करते,जीवन की, पिस कर रह गया है,हर इंसान..। बचपन के संजोए हुए वो सपने, आसमान को छूने की वो हसरतें, जद्दोजहद में,ना जाने कहां खो गए, जाने कब...जुदा हो गए,वो रास्ते.!
Read Moreपतझड़ आने वाला है..
जब,उजालों की रोशनी में, सब धुंधला सा दिखने लगे, जब,सोच की कलम..दिल पे, बीती बातों को लिखने लगे.. जब...उमरों का काफिंला, यादों में सिमटने लगे.... जब.. हड्डियों का ये जिस्म, चरमरा कर... चटकने लगे, बुलंद.. हौसलों का...
Read Moreगजोधर भैया! तुम लौट आओगे न
ऐसा भी क्या था कि आप तो सबको हंसाते गुदगुदाते लोटपोट करते करते खुद मौन हो गए, जैसे हमारी परीक्षा लेने के लिए इतने दिनों तक मौन होकर बिस्तर पर एकदम खामोश हो जम से गये। माना हमारी कोई बात तुम्हें चुभ गई या हमारे व्यवहार से तुम्हारी आत्मा घायल हो गई।
Read Moreजीने की राह मिल गई
जिंदगी में सफल होना बहुत ही जरूरी है सफलता ही असफलता की निशानी है। मेरा पथ आलोकित कर दो हे ईश्वर तुम जगत रचयिता पढ़ने आवे सब विधार्थी, शिक्षा का जब सूरज निकला पढ़ने आवे सब विधार्थी बागों में फैली हरियाली नये ज्ञान से झूमे डाली फूल तारे सब ता-ता थईया...
Read Moreवीर लाल भारत मां के
सीना फुला,चौड़ा कर धरा के हर कोने पर बेफिक्री से चलता हूं दिन रैन ।। नभ पर भी मस्ती से हवा भर परों में उड़ते हैं पंक्षी बेखौफ ।। सीमा पर तैनात हर सिपाही जो देता हैं पहरा खोकर,अपना सुकून मन का सोता हैं तब जाकर कही भारत का हर वासी चैन से..
Read Moreमेरी बहन..मां का रूप है.
ये रिश्ता बड़ा मजबूत,दोस्ती से भी गहरा होता है। खुशनसीब हूं मैं..मुझे दो बहनों का प्यार मिला, हे ईश्वर..तू मेरे जैसी खुशियां,हर भाई को दिला। यूं तो,दोनों मुझसे बड़ी हैं,पर हर बात पे लड़तीं हैं, पर,पता है..वे मुझे जान से ज्यादा प्यार करतीं हैं! बड़ी..
Read Moreदोस्त अनमोल
क्या तारीफ करूं दोस्तों की,मैं, साले एक से एक कमिने हैं.. मेरे जिगर के टुकडे हैं सब.. दुनिया के..नायाब नगीने हैं! मायूस नहीं होने देते मुझे,कभी, हर लम्हें को लतीफा बना देते हैं.. कम्बख्त़ हर ग़म को,चुटकुला बना, रोते हुए को..
Read Moreजीवन एक संघर्ष
जीवन एक संघर्ष है यह सर्वविदित है, दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं दोनों का रिश्ता चोली दामन सा है। जीवन के बिना संघर्ष कैसा संघर्ष के बिना जीवन का आखिर मूल्य कैसा? जीवन में संघर्ष का अपना महत्व है संघर्ष न हो तो जीवन वीरान है। संघर्षों से तनिक...
Read Moreमन से मन की ओर
मन से मन की ओर ले जाने का सच में यदि इरादा है, तो विचारों की प्रखरता को विकसित कीजिए, न मन को भ्रमित होने दें न खुद की लगाम छोड़िए। मन को मन की ओर ले जाना है तो पहले खुद को मन की ओर ले जाइए, बिना मन के ओर जाये बिना मन के मन की ओर जाने के स्व...
Read Moreये जिंदगी मेरी
मैं इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता कि ये जिंदगी मेरी है या इस पर मेरा कोई अधिकार है। ये जिंदगी महज एक यात्रा है जिसके लिए ईश्वर की बनाई व्यवस्था है। कुछ जिम्मेदारियां देकर हमें ईश्वर ने इस संसार में भेजा है, मैं तो बस उसके इशारे पर नाचता हूं उसके...
Read Moreभक्तों धैर्य धरो
गहरी नींद में मैं सो रहा था मेरे कमरे के दरवाजे पर कोई दस्तक दे रहा था, न चाहकर मैं उठा, दरवाजा खोला तो ठगा सा रह गया। दरवाजे पर औघड़दानी खड़े थे, उन्हें देख मेरे तोते उड़े थे। मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था, दरवाजे के बीच से हट भी नहीं पा रहा था...
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