प्रेम की बरसात

Image
ब्लॉग प्रेषक: कुँवर केसरी
पद/पेशा: वरिष्ठ अध्यापक हिन्दी
प्रेषण दिनांक: 14-10-2022
उम्र: 34
पता: ग्राम- देई, जिला-बूंदी, राजस्थान
मोबाइल नंबर: 9636887773

प्रेम की बरसात

प्रेम की बरसात

आया सावन लेकर बारिश की रिमझिम फुव्वारें,
मन-बावरा मोर-पपीहे-सा बन प्रियतम को पुकारे।

काले-काले मेघों से आच्छादित धरती और गगन,
चकवा-चकवी-सा बौराया मन डोल रहा वन-कानन।

बारिश की बूँदों की लड़ियाँ में भीग रहा तन-बदन,
प्रेम की बरसात में मिल रहे सजनी और साजन।

ग्रीष्मऋतु-से सूखे विरहा में बहते आँखों के आँसू,
आये बदरा, लाया सावन मन में मिलन की आरज़ू।

मिट्टी की खुशबू से महकी शीतल-ठंडी बयार चल रही,
हो रहा प्रेमालिंगन, मन से मन की धड़कन मिल रही।

मिलन की खुशी में गगन प्रेम के आँसू बरसाने लगा,
झूम के आया सावन, प्रेममय मन मौज में गाने लगा।

प्रेम की बरसात में रंग गया तन-बदन सतरंगी रंग,
कोयल गा रही मधुर प्रेमगीत बागों में मतवाली बन।

मतवाला मन गगन में उड़ रहा पंछियों के संग-संग,
प्रेम की बरसात में हो रहा मन का मन से प्रिय मिलन।

Share It:
शेयर
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।

नए ब्लॉग पोस्ट