विश्व रंगमंच दिवस
जीवन है सर्वज्ञ मनुज का कुछ बेहतर कर जाओ । बल-वैभव, यश-कीर्ति मिले ऐसा किरदार निभाओ ।। रंगमंच यह विश्व जगत है
Read Moreशहीदे आजम: सरदार भगत सिंह
सिंह गर्जना थी तुम में साहस अदम्य, बल पौरुष था । मां भारती के अमर पुत्र बुद्धि विवेक अपर बल था ।।
Read Moreजल : जीवन का अवलंबन
जड़ चेतन का पोषक जल है । जल बिनु सूना सारा जग है जल ही जीवन का द्योतक है ।। हिम शिखरों पर हिम खंड रुप में
Read Moreसाहित्य की ताकत
संस्कृति सभ्यता का उपवन साहित्य ज्ञान की झांकी है। प्रगतिशील होता वह देश साहित्य जहां की साखी है ।।
Read Moreबेटी जन्म की बधाई
बेटी के महत्व को दर्शाती यह रचना। बेटी है अभिशाप नही, ईश्वर का रूप समाई I बिना जन्म, पहचान बताकर, फिर भी गर्भ से विदाई I बेटी होती क्यों परायी,
Read Moreअपनी माटी-अपना पूर्वांचल
गोरक्षनाथ की पावन धरती ऋषि मुनियों की शान रही है । देवरहा बाबा की कर्मस्थली पूर्वांचल की पहचान रही है ।।
Read Moreसुअर एक प्रेरणास्रोत
एक दिन सुबह में एक सुअर पर नज़र पड़ी तो आत्मसाक्षात्कार हुआ,और मुझे यह ज्ञान प्राप्ति हुआ कि बेचारा सुअर भोला-भाला मुखमंडल से सुशोभितमान सरकार के तमाम प्रयासों के
Read Moreबहुजन समाज पार्टी: फर्श से अर्श की ओर
पंजाब के एक छोटे से गांव से निकल कर राजनीति पार्टी का गठन करने वाले माननीय कांशीराम ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके बाद उनके सपनों की आधारशिला पर गठित राष्ट्रीय राजनैतिक दल, बहुजन समाज पार्टी का हश्र...
Read Moreशिक्षा संस्कार सियासत और धर्म
धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। महाभारत और मनुस्मृति का यह प्रेरक संस्कृत वाक्यांश धर्म की रक्षा करने की प्रेरणा देता है। परन्तु वर्तमान समय में विभिन्न विचारधाराओं ने धर्म का वास्तविक अर्थ ही बदल कर...
Read Moreहोली आई विहसा अंबर
प्रकृति हुई सुहानी । सात रंग से भीगी धरती ओढ़ी चूनर धानी ।। बसंती बयार बह रही
Read Moreहोली की मस्ती
लगाओ रंग गुलाल संग प्यार, रिश्तों में लाए सदा ऐतबार, प्रेम का संदेश लेकर, झूमे गली और बस्ती,
Read Moreकर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार देश हित में।
किसी भी देश के सरकार द्वारा लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन, क्रियान्वयन का मुख्य जिम्मेदारी बिभिन्न प्रकार के श्रेणीगत कर्मचारियों का होता है। कर्मचारियों के बीच....
Read Moreजीवन के विविध रंग के दोहे
मन पुलकित, तन हर्षित हुआ, आए हैं ऋतुराज । दुल्हन सी धरती सजी, पिया मिलन की आस।। खुशबू फैली दिग-दिगंत में, बिखर गया परिमल चहुंओर। पुष्प की मनहर आभा से, हुई सुहानी भोर ।।
Read Moreकही अनकही बातें
कही अनकही बातें शराफ़त का मिसाल देता हूँ खैर तो है कि ज़वाब-ओ सवाल देता हूँ...
Read Moreनारी हूँ मैं कुछ भी कर सकती हूँ
ये रचना नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी । जो लोग महिलाओं को कमजोर समझते है उनके लिए समाज मे आईना दिखाने का काम करेगी ये रचना क्यों कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिये ।
Read Moreगौरैया और कौआ की सच्ची कहानी
आज सुबह गौरैया और कौवा को ठंड से ठिठुरते देख उस घटना को भावना के माध्यम से एक कहानी का रूप देने का कोशिश किया हूँ.. बात 8 दिसंबर की सुबह की है। अभी रात का अंधेरा ठीक...
Read Moreमेरे गाँव की गलियाँ
मेरे गाँव की गालियाँ बड़ी सुनसान सी लगती हैं मैं जहाँ खेलता था अब वो अंजान सी लगती हैं इतना बदलाव जरूर हुआ नये घर बनें हैं बहुत
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