नारी हूँ मैं कुछ भी कर सकती हूँ

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ब्लॉग प्रेषक: कवि जगमोहन गौतम
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 16-03-2022
उम्र: 23 वर्ष
पता: रुस्तमपुर, फर्रुखाबाद उ.प्र.
मोबाइल नंबर: 8960272916

नारी हूँ मैं कुछ भी कर सकती हूँ

मुझको खिलौना जान के खेला जब जी चाहा तोड़ दिया,

जब जी चाहा साथ में रक्खा जब जी चाहा छोड़ दिया,

लेकिन तुझको याद रहे कि स्वाभिमान की खातिर मैं,

मार भी सकती हूं तुझको और स्वयं भी खुद मर सकती हूं।

मैं कुछ भी कर सकती हूं, मैं कुछ भी कर सकती हूं।

दुख पीड़ा के मारे इन्सां तू बिल्कुल बेआस न हो,

मुझ नारी की हस्ती से नादाँ तू अभी विश्वास न खो,

मै चाहूं तो खुशियों से आबाद तुझे कर सकती हूं,

तेरे सूने गुलशन को भी रंगो से भर सकती हूं।

मैं कुछ भी कर सकती हूं, मैं कुछ भी कर सकती हूं।

मैं नारी हूं स्वाभिमान का सर न कभी झुकने दूंगी,

अपने बढ़ते क़दमों को हरगिज़ न कभी रुकने दूंगी,

मैं विपदा की आंधी से भी कभी नहीं डर सकती हूं।

गर चाहूं तो मंजिल को इन पांव तले धर सकती हूं,

मैं कुछ भी कर सकती हूं, मैं कुछ भी कर सकती हूं।


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