मेरे गाँव की गलियाँ

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ब्लॉग प्रेषक: शेख रहमत अली
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 15-03-2022
उम्र: 29
पता: बस्ती, उत्तर प्रदेश (भारत)
मोबाइल नंबर: 7317035246

मेरे गाँव की गलियाँ

मेरे गाँव की गलियाँ बड़ी सुनसान सी लगती हैं

मैं जहाँ खेलता था अब वो अंजान सी लगती हैं


इतना बदलाव जरूर हुआ नये घर बनें हैं बहुत

जो पुराने थे आज खंडहर वीरान  सी लगती हैं


वो  स्कूल के दोस्त जो बेफ़िक्री से रहा  करते थे

उनकी  ख़ुशहाल आँखें भी  परेशान सी लगती हैं


बड़े बुज़ुर्गों के आदर सत्कार में पले उन बच्चों के

क्यों आज कल वो रिश्ते भी ग़ुमनाम सी लगती हैं


डाकिया रोज़ चिट्ठियों का थैला लिये फिरता था

कॉल,मैसेज में आज मुब्तिला अवाम सी लगती है


बेशक मैं दूर हूँ मग़र रिश्ता बरक़रार हैं "रहमत"

गाँव चाहे जैसी भी हो वो मेरे जान सी लगती है


©मौलिक स्वरचित

~शेख रहमत अली "बस्तवी"

बस्ती उत्तर प्रदेश (भारत)

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