जीवन के विविध रंग के दोहे

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ब्लॉग प्रेषक: आर सी यादव
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 17-03-2022
उम्र: 48
पता: जौनपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर: 9818488852

जीवन के विविध रंग के दोहे

                         1.ऋतुराज

मन पुलकित, तन हर्षित हुआ, आए हैं ऋतुराज ।

दुल्हन सी धरती सजी, पिया मिलन की आस।।

                         2. पुष्प

खुशबू फैली दिग-दिगंत में, बिखर गया परिमल चहुंओर।

पुष्प की मनहर आभा से, हुई सुहानी भोर ।।

                         3. दीपक

दीपक से रोशन हुआ, घर आंगन और द्वार ।

शाम सुहानी हो गई, खुशियों का नवाचार ।।

                            4.प्रेयसी

मेरे मन की प्रेयसी, तुमसे जीवन की आस ।

तन-मन विह्वल हो गया, ज्यों आया मधुमास ।।

                           5. भँवरा

विरहन सा मन हो गया, भ्रमर करे उपहास ।

पिया बसे परदेश में, बुझे न हिय की प्यास ।।

                       6.पनघट

पनघट पर दो पथिक मिले, नयन लगे अभिराम ।

प्रेम मिलन की आस में, गमन किए निज धाम ।।

                     7.गांव 

अमराई की मंजरी, पीपल की ठंडी छांव ।

खेतों की मोहक छंटा, सुंदर अपना गांव ।।

                     8. आँगन

पिता, मातु संग बैठ जहां, गूंथते थे जीवन की डोर ।

आंगन की वो मधुर स्मृति, करती भाव विभोर ।।

                       9. विहान

उदित हुआ दिनकर पूर्व में, हुआ सुखद विहान ।

कर्म रति हुए जड़ चेतन, धरा हुई अभिमान ।।

                         10.जीवन

जीवन अपना सदुपाय करो, उज्ज्वल होगा नाम ।

मनन चिंतन सत्कर्म से, सफल होगा हर काम ।।

                          11. प्रेम 

प्रेम सुधा फैलाओ जग में, हृदय रहे निष्काम ।

मीठी वाणी प्रेम का, दो सबको पैगाम ।।

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