होली का हुड़दंग

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ब्लॉग प्रेषक: सुधीर श्रीवास्तव
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 19-03-2022
उम्र: 52
पता: गोण्डा उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर: 8118285921

होली का हुड़दंग

व्यंग्य
होली का हुड़दंग
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आइए होली का स्वागत करते हैं
खूब हुड़दंग करते हैं,
रंग अबीर गुलाल उडा़ते हैं,
मौके का फायदा उठाते हैं
रंग की आड़ मेंं तारकोल लगाते है,
रिश्तों की आड़ मेंं बेशर्मी दिखाते हैं।
जिन्हें देख जलते भुनते रहे कल तक
आज होली पर गले लगाकर कटुता मिटाते हैं,
कोई कुछ भी कहे, कहता रहे
कटुता मिटाने के लिए
पीठ मेंं छुरा घुपाते हैं।
होली है तो हम भी होली मनाते हैं
रंग से तो सभी खेलते ही हैं होली
हम तो खून का रंग लगाते हैं।
प्रेम, प्यार, भाईचारे का खेल
अपने अंदाज मेंं खेलना है मुझको,
आपको अच्छा लगे न लगे
मगर मै तो ऐसा ही रंग लगाना चाहता हूं।
गुस्ताखियाँ भले न करुँ मैं होली मेंं
फिर भी आप सबको सिर झुकाता हूँ
होली के पावन पर्व पर
आप सबका आशीष चाहता हूँ,
होली के हुड़दंग मेंं रंग जाना चाहता हूँ।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित

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