बंजारा बन ढूंढता मैं मन की खुशी
।। बंजारा बन ढूंढा फिरता खुशी मन की ।। मैं! मुकम्मल होकर भी ना मुकम्मल सा इस, जहान को भी ना रास आई मेरी खुशी ।। सुकून,जो ढूंढा जरा सा ज़िंदगी वास्ते! हज़ार की हाथ में मेरे अरमानों को कत्ल करने वास्ते,खंजर सा निकला ।। दुश्मनी सी थी हर किसी को
Read Moreलेखक मुकेश बिस्सा का परिचय
प्रोफाइल 1- नाम -मुकेश बिस्सा 2- पिता का नाम स्व कन्हैया लाल बिस्सा 5- वर्तमान / स्थायी पता श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर, राजस्थान 6- फोन नं. 9782652555 7- जन्म तिथि 29 जनवरी 1975 8- शिक्षा एम एस सी ,बी एड 9- व्यवसाय केंद्रीय
Read Moreलेखिका स्नेहा सिंह का जीवन परिचय
नाम स्नेहा सिंह (साहित्यकार पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक) शिक्षा मास्टर्स इन लाइफ साइंस फोन नंबर 9453749772 अनुभव इंटर कॉलेज में अध्यापन का वर्तमान पता एल डी ए लखनऊ 226012 स्थाई पता घाटमपुर कानपुर उत्तर प्रदेश उपलब्धियां ....
Read Moreलेखिका दीपाली मिरेकर का जीवन परिचय
इनका नाम दिपाली मिरेकर हैं। ये कर्नाटक राज्य विजयपुर के निवासी है। दिपाली जी वृति से अध्यापिका है और प्रस्तुत कर्नाटक राज्य अक्कमहादेवी महिला विश्व विद्यालय विजयपुर कर्नाटक में हिंदी विभाग की शोदार्थी है। इन्होंने हिंदी, कन्नड़ और मराठी भाषाओं में कविताए
Read Moreलेखक रामकेश एम यादव जीवन परिचय
बहुमुखी प्रतिभा के धनी कवि, साहित्यकार पत्रकार, शिक्षक, समाजसेवी रामकेश एम. यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के फूलपुर (अब मार्टिनगंज ) तहसील के उच्च शिक्षित गांव तेजपुर में 5 फ़रवरी,1961 ईसवी को एक संपन्न क
Read Moreलहरों में समाया एक उफान सा, क्यूं
।। लहरों में समाया उफान सा ,क्यूं ।। आज,बेवजह ही निकला सागर किनारे की सैर को सहसा,मुलाकात हो गई वेग के साथ आगे बढ़ती हुई लहरों से । बड़ी, बेचैन सी लगी जैसे,उठती लहरों के उफान में भीतर ही भीतर मची हो एक खलबली ।। एक पीर का समंदर था । हर..
Read Moreप्रकृति की गोद में मॉं का आभा़स
नव वर्ष माघ मकरगत रवि जब होई मेला देखंहि आव सब कोई एहि प्रकार भरि माघ आयेंहि पुनि सब निज निज घर जाहिं प्रणाम पथरिया पुरी अति पावनि मनसा देवी कलि कलुष नसावनि वर्षा रितु माता की भगति जीवन जन्म सुफल मम भयऊ। माता यह नये वर्ष की बात है जब विभिन्न गाँओ शहरों स
Read Moreलेखक विशाल लोधी जीवन परिचय
नाम विशाल लोधी जन्मदिवस १५/१०/२००१ को मध्यप्रदेश में दमोह जिले के मगरधा ग्राम में जन्म हुआ था। मेरा जन्म गरीब परिवार में हुआ था। पिताजी का नाम गोविंद लोधी हैं।जो खेती बाड़ी करतें हैं।माता जी का नाम रानू लोधी हैं।जोकि घर का काम करतीं हैं।
Read Moreमैं सोंचता हूँ
मैं सोंचता हूँ?,,, ठहरा रहा क्यों मीरा दिल कभी तो हद से गुज़र जाऊँ जो मिरे इस दिल में है कह न सका तुमसे कह दूँ आर या फिर पार होगा मोहब्बत के दरिया में उतर जाऊँ बीते लम्हों की वो हसीन दास्ताँ याद करके उन मीठी सी प्यारी यादों में बहक जाऊँ...
Read Moreमैं भोलाभाला मरुवासी
मरु प्रदेश से बेइंतहा मोहब्बत। जन्मभूमि के प्रति सभी को समर्पित होना चाहिए मरुभूमि का मैं कृषक मिट्टी का कण कण करता मुझसे कानाफूसी कब बारिश की बुंदे गिरे कब मरुभूमि का कण कण खिले इसका हूं मैं अभिलाषी । मैं भोलाभाला मरुवासी मरुभूमि का...
Read Moreदारु की जद में ज़माना या मगरुर खुद की हस्ती में इंसान
।। दारू की जद में ज़माना या मगरुर खुद की हस्ती में इंसान ।। मुश्किल , जरा कहना होगा नशे में इंसान हैं सच में या ये दारु,बेवजह ही हैं बदनाम ।। बेवड़ो को मुबारक हो ये महफ़िल नशे और जाम की सुरूर,सच का हैं या हैं बोतल का भरम या ये दारु फिजूल....
Read Moreजीवन परिचय, ऋषि रंजन (कवि)
ऋषि रंजन' का जन्म 18 जनवरी 1996 को नाना-नानी के घर पश्चिम बंगाल के कलकत्ता शहर (वर्तमान कोलकाता) में हुआ परंतु इनका लालन-पालन इनके पैतृक निवास स्थान बिहार के दरभंगा जिला अंतर्गत इन्दिरानगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ । वर्तमान निवास स्थान...
Read Moreमेरी कहानी
जिसे पाने के लिए सोचा कभी उसे पाया नहीं मंजिल की राह में हमसफ़र कभी आया नहीं बस खुद में ही खोया रहता हूं। कभी रो देता हूँ कभी मैं हंसता हूं कभी खुशी पा लेता हूं गमगीन कभी हो जाता हूं बस खुद में ही खोया रहता हूं। अपनी मजबूरी को
Read Moreग्राम्य जीवन
बदल गए सुर-ताल गांव के बदल गई परिपाटी। धरती बदली अंबर बदला बदल गई यह माटी ।। 'चाक' रघु के नहीं सुहाते गीत स्नेह के नहीं लुभाते भाई से भाई कतराते आंगन में दिवारें खिंच गई सिमट गई दिन- राती ...।। बदल गए ..।। नहीं कोकिला तान सुनाती नहीं भ्रमर...
Read Moreहर धड़कन की गति बढ़ाती हैं ये चूड़ियां
कंगन,चूड़ियां हैं साजो श्रृंगार नारी की कलाई का । हैं! कांच की मगर रिश्तों की डोर को अपनी खनक से खनकाती हैं ये चूड़ियां ।। मन से कही ना कही एक, डोर सी बांधे हैं ये रंग बिरंगी सी चूड़ियां ।। सूने हाथों को भी अपनी रंगत से भरे हैं ये....
Read Moreनेपाल का जानकी मंदिर जहां हुआ था माता सीता का स्वयंवर, इसे क्यों कहते हैं नौलखा मंदिर
जानकी मंदिर नेपाल के काठमांडू शहर से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजपुताना महारानी वृषभभानु कुमारी ने 1911 ईस्वी में करवाया था। मंदिर के निर्माण में करीब 9 लाख रूपए लगे थे। इसलिए मंदिर को नौलखा मंदिर के नाम से भी जाना जाता..
Read Moreदिलो अजीज़ मेरी पहली मोहब्बत सा कश्मीर
तेरी,हर अदा का मैं , ओ दिले अजीज़ कश्मीर ।। ज़िक्र,तेरा मैं अक्सर बहने वाली हवाओं से करता हूं । तू,खुशुब सा बन ना जाने कबसे इन,सांसों में जैसे बसता हो ।। ये, तेरी ऊंचे ऊंचे पर्वत की सफेद बर्फ़ से ढकी श्रृंखलाएं । घाटियां और कल कल बहती झीलों
Read Moreमातृदिवस की सार्थकता
मातृदिवस की सार्थकता आइना हमें दिखाती है सोशल मीडिया में मिस यू माय और आई लव यू माँ की जैसे बाढ़ सी आ जाती है, तो वृद्धाश्रमों में माँओं की निस्तेज आँखें हमें मुँह चिढ़ाती हैं, मातृदिवस की सार्थकता पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं। नौ महीने जिसके...
Read Moreमच्छर एक प्रेरणास्रोत
मच्छर का नाम सुनते ही जेहन में एक ही बात आती है इनको चाहे जैसे भी हो मारो, भगाओ या खुद उस जगह से हट जाओ। किसी भी उपाय से इनकी शैतानी को खत्म करो। यदि ये शरीर पर बैठ जाते हैं तो मन ऑटोमेटिक हाँथ को आदेश कर देता है और स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो जाती है...
Read Moreमाँ तो माँ ही रहेगी
आज मातृदिवस है आज हम सब बड़ी श्रृद्धा से माँ की शान में कसीदे पढ़ते हैं, शायद अपने पापों का बोझ उतारते हैं, क्योंकि हम विडंबनावादी जो हो गये हैं। बड़ा कड़ुआ है पर सच भी तो है इसे भी स्वीकार कीजिए माँ को प्यार कीजिए न कीजिए सब चल ही जायेगा, बस!...
Read Moreमोह और माया
सामंजस्य और संतुलन सुखमय जीवन के मूलाधार हैं स्वयं के लिए और समाज के लिए भी। प्रस्तुत आलेख मोह और माया के बीच संतुलन एक व्यवस्थित और सुखमय जीवन को दर्शाता है और विचारों को एक नई दिशा प्रदान करता है। मोह-माया, बड़ा ही घनिष्ट संबंध है एक दूसरे से। अक्सर...
Read Moreकृत्रिम बुद्धिमता (AI) और सुपर क्वांटम कंप्यूटर युग की परिकल्पना।
इंसान बहुत ही विनाशकारी खोज की ओर बढ़ रहा है, कुछ शिर्ष उधोगपति इस सुंदर लोक को बरकरार रखने में अपनी ऊर्जा नहीं लगा रहे बल्कि वो चाँद, मंगल एवं अन्य ग्रह पर कृत्रिम वातावरण में आशियाना बनाने के फिराक में है जहाँ धरती के मनवो के प्रतिकूल वातावरण है...
Read Moreउल्लू के बच्चे से आत्मीय प्रेरणा
मानवो को प्रेरणा देता पक्षियों में आपसी एकता, सहयोग की भावना की यह सच्ची घटना। घर में वैवाहिक कार्य सम्पन्न हो जाने के पश्चात अपनी मातृ भूमि जयहिंद तेंदुआ ग्राम में बैसाख की मधुर शाम की बेला में निश्चिन्त होकर टहल रहा था। मेरे घर के ही समीप जहाँ से...
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