बंजारा बन ढूंढता मैं मन की खुशी

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 12-05-2022
उम्र: 29
पता: Lucknow
मोबाइल नंबर: 9453749772

बंजारा बन ढूंढता मैं मन की खुशी

।। बंजारा बन ढूंढा फिरता

खुशी मन की  ।।


मैं! मुकम्मल होकर भी ना मुकम्मल सा

इस, जहान को भी ना रास आई मेरी खुशी ।।


सुकून,जो ढूंढा जरा सा ज़िंदगी वास्ते!

हज़ार की हाथ में मेरे अरमानों को कत्ल करने वास्ते,खंजर सा निकला ।।


दुश्मनी सी थी हर किसी को जैसे मुझसे

मरहम मांगा दर्द वास्ते! तो,हर कोई उस घाव को नासूर बनाने ज़िद्द पर अकड़ा ।।


मैं तो जिया हर एक की खातिर!

थोड़ा सा जो वक्त मांगा अपनो से तो,हर एक हाथ मेरी खातिर साहब! बड़ा,तंग सा निकला ।।


कर न सका चोटिल कभी  भी किसी के जज़्बात को मैं

यहां तो साहब!

हर एक मन में मेरी खातिर ज़हर सा निकला

हां! बस ज़हर सा निकला ..............................


स्नेहा कृति

साहित्यकार पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक

कानपुर उत्तर प्रदेश

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