| ब्लॉग प्रेषक: | ऋषि रंजन |
| पद/पेशा: | अध्ययन, अध्यापन तथा स्वतंत्रत लेखन |
| प्रेषण दिनांक: | 11-05-2022 |
| उम्र: | 26 |
| पता: | दरभंगा (बिहार) |
| मोबाइल नंबर: | 9801811086 |
जीवन परिचय, ऋषि रंजन (कवि)
-: जीवन परिचय :-
"ऋषि रंजन"
'ऋषि रंजन' का जन्म 18 जनवरी 1996 को नाना-नानी के घर पश्चिम बंगाल के कलकत्ता शहर (वर्तमान कोलकाता) में हुआ परंतु इनका लालन-पालन इनके पैतृक निवास स्थान बिहार के दरभंगा जिला अंतर्गत इन्दिरानगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ ।
वर्तमान निवास स्थान :- इन्दिरानगर, दरभंगा (बिहार) ।
माता-पिता :- 'श्रीमती सीमा देवी' एवं 'श्री उमेश प्रसाद' । पिता एक साधारण किसान हैं और माता एक साधारण सुसंस्कृत महिला जिन्होंने 'ऋषि रंजन' के मन में अध्ययन की रुचि एवं लालसा जगाई ।
भाई :- 'राहुल रंजन' जो सदैव 'ऋषि रंजन' के मार्गदर्शक रहें हैं तथा वर्तमान में बिहार राजस्व कर्मचारी के पद पर पदासीन हैं ।
शिक्षा :- इनकी प्रारंभिक व प्राथमिक शिक्षा घर पर ही माँ के द्वारा पूरा कराया गया तथा माध्यमिक शिक्षा गांव के आसपास के विद्यालय से हुई परंतु उच्च शिक्षा के लिए इन्हें शहर जाना पड़ा । इन्होंने वर्ष 2011 में 'विद्यापति उच्च विद्यालय' से दसवीं, वर्ष 2013 में 'कुँवर सिंह महाविद्यालय' से अन्तर-स्नातक, वर्ष 2016 में 'ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय' अंगीभूत 'कुँवर सिंह महाविद्यालय' से ही स्नातक (अंग्रेजी साहित्य) तथा वर्ष 2018 में 'ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय' अंगीभूत 'चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय' से स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य) की परिक्षा पास किया । हिन्दी में अति आत्मीयता होने के कारण पूर्णतः अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत इन्होंने 'इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय' के अधीन संचालित अध्ययन केंद्र 'चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय दरभंगा' से पुनः स्नातकोत्तर (हिन्दी साहित्य) की शिक्षा ग्रहण किया और हिंदी की महती सेवा में संलग्न हो गए ।
सम्प्रति :- युवा कवि, शिक्षण, अध्यापन एवं किसी प्रकार की नौकरी का मोह छोड़कर इन्होंने स्वतंत्र लेखन को ही अपना जीवनचर्या के रूप में चुना ।
प्रकाशित साहित्यक साझा संग्रह :- दिवित, एक पहचान नारी शक्ति की, हम सनातनी हैं, वो आखिरी सफर, बलिदान को नमन, ख्वाबों के परिन्दे, वसुधरा, दिपोत्सव, तरकश, भारत @75 तथा शुभवाणी संगम ।
प्रकाशित पत्रिका :- फास्ट न्यूज इंडिया [अगस्त 2021], हमरंग पत्रिका [नवंबर 2021] तथा साहित्यनामा [फरवरी 2022] ।
प्रकाशित रचनाएँ :- साझा संग्रह 'दिवित' में प्रकाशित रचना - वो मुझसे ही प्यार करती है व हमेशा खुश नजर आती हूँ, साझा-संग्रह 'एक पहचान नारी शक्ति की' में प्रकाशित लेख - नारी सम्मान, साझा संग्रह 'हम सनातनी हैं' में प्रकाशित रचना - हम सनातनी, साझा-संग्रह 'वो आखिरी सफर' में प्रकाशित - कुछ फर्ज तुम जरूर निभाना, साझा-संग्रह 'बलिदान को नमन्' में प्रकाशित रचना - वीर सैनिक व भाई मेरे मेरे हाथ बढ़ाना, साझा-संग्रह 'ख्वाबों के परिंन्दे' में प्रकाशित रचना - प्रेमिका व मेरी जिंदगी में चली आना, साझा-संग्रह 'वसुधरा' में प्रकाशित रचना - जुदाई, साझा-संग्रह 'दीपोत्सव' में प्रकाशित रचना - दिवाली और मेरी दिवानी, साझा-संग्रह 'तरकश' में प्रकाशित रचना - मेरी जिंदगी में चली आना, साझा-संग्रह 'भारत @ 75' में प्रकाशित रचना - मान हिन्दुस्तान है सम्मान हिन्दुस्तानी तथा साझा संग्रह 'शुभवाणी संगम' में प्रकाशित रचना - तुम नाराजगी मेरी मिटाना वहीं दूसरी ओर फास्ट न्यूज इंडिया [अगस्त] में प्रकाशित साहित्यक समाचार, हमरंग पत्रिका [नवंबर 2021] में प्रकाशित रचना - दिवाली और मेरी दिवानी, साहित्यनामा [फरवरी] में प्रकाशित रचना - मुबारक हो सिम्पल जन्मदिन तुम्हारा व जन्मदिन पर तुम्हें एवं अनेकों साहित्यिक मंच तथा पत्र-पत्रिकाओं में रचना प्रकाशित ।
प्राप्त सम्मान :- राष्ट्रीय पत्रिका सच कि दस्तक द्वारा 'अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता सम्मान-2020', श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित साझा संग्रह 'दिवित' के लिए 'मातृभाषा गौरव साहित्य सम्मान', अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद् द्वारा 'राष्ट्रीय गणतंत्र हिंदी काव्य सम्मान-2021', राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत (शिक्षा मंत्रालय) भारत सरकार द्वारा YUVA कार्यक्रम में सहभागिता के लिए प्रमाणपत्र, काव्यकला सेवा संस्थान द्वारा 'शिक्षक रत्न सन्मान 2021', डीडी भारती नेटवर्क द्वारा 'शिक्षक गौरव सम्मान 2021', साहित्य वत्सल सम्मान, हिंदी साहित्य रत्न सम्मान, काव्य श्री सम्मान आदि सहित सैकड़ों सम्मान से सम्मानित ।
मोबाईल :- 9801811086
ईमेल :- 96rishiranjan@gmail.com
ट्विटर :- RishiRanjan96
इंस्टाग्राम :- rishiranjan12720
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
Read More27-10-2025
नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More13-10-2025
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना।
Read More30-08-2025
राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
Read More