पचपन की उम्र का ये बचपन
पचपन की उम्र में भी बचपन लेता हैं अंगड़ाइयां जिधर,भागता हैं ये मन ये! लडप्पन भी सैर सपाटा करने में उधर ही हो जाता हैं मगन । भरी बरसात में,कागज की नाव पानी के बहाव संग ये बहता हैं ये,बचपन ही हैं साहिब जो,बेफिक्री से मौज की लहरों संग खुद को...
Read Moreलेखिका गीता झा जी का जीवन परिचय
हिन्दी कविता लिखने का शौक ही व्यसन है l पढ़ना लिखना सुनना सुनाना बस यही काम है l वैदिक विचार धारा का प्रचार प्रसार मेरा उद्देश्य है l समीक्षा भी लिखती हूँ, वेद के मन्त्रों की व्याख्या कविता में लिखी पुस्तक वैदिक विनय गीतिका और हिन्दी शिक्षा को विदेशों...
Read Moreप्यासी धरती
मजाक अच्छा है कि धरती भी प्यासी है, शायद यही सही भी है क्योंकि धरती रुंआसी सी है। छोड़ो इन बातों में रखा क्या है धरती प्यासी रहे या मर जाय हमें मतलब क्या है? हम तो अपनी मनमानियां करते रहेंगे हरियाली का नाश करते रहेंगे जल स्रोतों को दफन करते...
Read Moreसाहित्यकार मनजीत कौर जी का जीवन परिचय
- 1989 में अर्थशास्त्र एम. ए. - 1993 में हिन्दी एम. ए . - 2000 में बी. एड. - 2011 में M.S. in Counseling and Psychotherapy - 1990 से अध्यापन कार्य - 4 बेस्ट टीचर अवार्ड - काउंसिलिंग से दूसरों का जीवन बेहतर बनाने की कोशिश - सेवा गुरमुखी क्लास में
Read Moreस्वाभिमान हैं सबसे बड़ा मान
जब तक जियो धरती पर अभिमान के साथ स्वयं को उसमें शामिल कर जियो । बिन, स्वाभिमान बेमानी हैं बेस्किमती उपहार सारे जैसे,सांसे भी चलती हो उधार लिए हुए किराये के मकानों में ।। चार बातें सुनने के ना आदी बने ,ये कान और ना बेइज्जती सहने को मजबूर हो ये..
Read Moreदिल की हसरतें
दिल की हसरतों को, एक मुकाम दीजिए। प्रगाढ़ आत्मीय प्रेम का, पैगाम दीजिए।। यादें बसी जो दिल में, उसे इजहार कीजिए। प्रेयसी के प्रीत को, इकरार कीजिए।। चाहतों का सिलसिला थम ना जाएं कहीं जवां होती मुहब्बत को, एहसास कीजिए ।। उनकी चाह में क्यों भटके,
Read Moreयादे कल की
गर्मी की छुट्टी में कही कोई *समर कैंप* नहीं होते थे, पुरानी चादर से छत के कोने पर ही टेंट बना लेते थे , क्या ज़माना था जब ऊंगली से लकीर खींच बंटवारा हो जाता था, लोटा पानी खेल कर ही घर परिवार की परिभाषा सीख लेते थे। मामा , मासी , बुआ, चाचा के बच्चे सब
Read Moreलेखक पवन कुमार भारद्वाज जी का जीवन परिचय
निवास स्थान- गाँव नाला डाक घर फागु, तहसील व जिला शिमला हिमाचल प्रदेश शिक्षा रा उ पा चियोग से मेट्रिक, विशिष्ट विद्या पीठ तुंगेश् से शास्त्री, बी ए आनर्ज, भाषा संकाय की उपाधि हि प्र विश्व विद्यालय से, कनिष्ठ बुनियादी अध्यापक डिप्लोमा सोलन से, बी एड इग्नू
Read Moreमेरे बिलासपुर में
मेरा नाम लोकेश्वरी कश्यप हैं l मेरा जन्मस्थान छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम महली है l मैं एक शिक्षिका हूं l मैं छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में 2008 से कार्यरत हूं l बचपन से ही मेरी रुचि लेखन और पठान में रही है...
Read Moreगोरा और बादल : वीरता और शौर्य की अद्भुत कहानी
गौरा ओर बदल दोनों चाचा भतीजे जालोर के चौहान वंश से सम्बन्ध रखते थे | मेवाड़ की धरती की गौरवगाथा गोरा और बादल जैसे वीरों के नाम के बिना अधूरी है. हममें से बहुत से लोग होंगे, जिन्होंने इन शूरवीरों का नाम तक न सुना होगा ! मगर मेवाड़ की माटी में आज भी इनके...
Read Moreहमारे प्यारे सूरज दादा
पहली किरण,सूरज की जैसे तेज को अपने करती हो ज़िगर के आर पार ।। तपती धरती,जलते रेगिस्तान बयार भी जैसे,हो बेताब झुलसाने को अपने झोके की तपिश से हर इंसान ।। सूरज दादा के गुस्से का कहर,बरपा रहा हर जगह,हर मंजर गर्मी की मार ।।
Read Moreलेखिका नीतू राठौर जी का परिचय
ज़िंदगी संघर्ष विराम हैं एक चुनोतीपूर्ण संग्राम हैं भला-बुरा अंजाम हैं पियो तो एक जाम हैं जियो तो एक नाम हैं ऐसी ज़िंदगी को "नीतू" का शत-शत बार प्रणाम हैं। समझो तो सही,देहरी के पार, आलोक,सृजन,मनुहार,शगुन,कलमकार डॉट कॉम,दर्पण,स्नेह,निर्दलीय,एक और कदम,पतवार
Read Moreअरे मनुष्य जागो
सोचो, कहा है। आप आगे या पीछे आप आगे समझकर दस गुणा पीछे जा रहे हो। अरे मनुष्य सोचो। कहा हो आप। अरे। क्या कर रहे हो आप न्याय और ज्ञान को बेच रहे हो। अन्याय और अज्ञान को खरीद रहे हो। धर्म को भूल कर अधर्म को अपना रहे हो। अरे। मनुष्य
Read Moreखामोशियां, बेजुबान नही होती
ज़बान अक्सर हो जाती हैं जब खामोश और धड़कने जैसे बेजान ज़ख्म हो जब गहरे दिल में ना कही आए चैन न ही आए सुकून खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं जैसे, उनकी भी अपनी एक दुनियां रहती हैं सुनना,कभी गौर से सन्नाटे में,ये खामोशियां बेवह ज़बान को यूं ही.
Read Moreये,रिश्ते रूह के
मन खुद ब खुद,बेपनाह मोहब्बत नवाजता हैं अपने अजीजो को मिटता हैं हर अदा पर अपने, प्यारों और दुलारोंं की जां सी छिड़कता बेशुमार प्यार,लगाव लूटाने वालों पर एक,अपने लहू के कतरे का अंश समझता हैं अपनी दुनियां के बाश
Read Moreअधूरी ख्वाहिश
मेरे बाजू की गली में थी एक चांद जो मुझे अपना चांद समझती थी बादलों से ढकी थी उसकी चाहत मैं उसे वो मुझे बहुत प्यार करती थी मिलना तो किस्मत में पता ही नही पर दिलो को धड़कना आता था जब देख मुस्कुराती थी मुझे बस दिन भर उसका चेहरा याद आता था यू ही...
Read Moreमहाप्रतापी महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी
महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे। 2.... जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि- हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक...
Read Moreमाता पिता की सेवा से बढ़कर नही कुछ
शादी की सुहागसेज पर बैठी एक स्त्री का पति जब भोजनका थाल लेकर अंदर आया तो पूरा कमरा उस स्वादिष्ट भोजन की खुशबू से भर गया रोमांचित उस स्त्री ने अपने पति से निवेदन किया कि मांजी को भी यहीं बुला लेते तो हम तीनों साथ बैठकर भोजन करते। पति ने कहा छोड़ो उन्हें...
Read Moreभूली बिसरी यादें -2
तरुवर की शीतल छाया में कभी हमारा गांव बसा था । आम नीम महुआ के नीचे घर आंगन परिवार बसा था ।। जहाँ खड़ी थी कभी सुनहरे खुशियों की दिव्य इमारत । नैतिक मूल्यों, संस्कार की होती थी जहां हिफाजत ।। बड़े बुजुर्गो की बातों का शिलापट्ट सा मान सदा था
Read Moreराष्ट्रीय संत, विश्व शांति दूत, भारत भूषण महंत संत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज का जीवन परिचय
जगतगुरु रामानंदाचार्य जी महाराज के द्वादश शिष्य परंपरा में सबसे प्रमुख संत शिरोमणि संत सम्राट निर्गुण भक्ति धारा के प्रथम वह भक्ति आंदोलन के प्रमुख तथा संत प्रवर्तक विश्ववंदनीय संत सम्राट सतगुरु कबीर साहेब अखिल भारतीय कबीर पंथ शिरोमणि गुरुद्वारा काशी...
Read Moreबिखरे पड़े हैं पलामू में बुद्ध के प्राचीन अवशेष
सोन एवं उसकी सहायक नदी उत्तर कोयल की घाटी में पसरा पलामू जिला में विगत ढाई हजार वर्ष से लेकर बारहवीं शताब्दी तक के बुद्ध से संबंधित अवशेष खेतों से बस्तियों तक तथा जंगलों से पहाड़ों तक बिखरे पड़े हैं। विडंबना है कि इन अवशेषों का कोई सुध लेने वाला नहीं है-
Read Moreमहात्मा बुद्ध
सत्य, अहिंसा, भाईचारा बंधुत्व, प्रेम संदेश दिया । ज्ञान अलौकिक दिया विश्व को पंचशील सिद्धांत दिया ।। चोरी, हिंसा, व्यभिचार झूठ, नशा का त्याग करो । जीव-जगत परिवार सदृश है विमल हृदय सम्मान करो ।। सुविचारों से संपूर्ण धरा को बुद्धि, विवेक, सम्मान
Read Moreलेखिका बबिता प्रजापति जी का जीवन परिचय
पता- आवास विकास झांसी 2008 स्नातक 2011 बीएड कई कविताएं दैनिक जागरण समाचारपत्र, अमरउजाला समाचार पत्र, मैगजीन्स, प्रतियोगिता दर्पण जैसी देश की पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है। वर्तमान में एक शिक्षिका के पद पर कार्यरत हूँ। यूट्यूब..
Read Moreचलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।
सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की। सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता...
Read Moreऐसा क्यों है
एक टीस मन को सदा कचोटती है, बेचैन करती चुभती है शूल सी। नहीं पता ऐसा क्यों है? न कोई रिश्ता, न कोई संबंध मान लीजिए बस तो है जैसे हो कोई अनुबंध लगता जैसे पूर्व जन्म का हमारे बीच कोई तो है संबंध। क्योंकि ऐसी बेचैनी, ऐसी चिंता यूं तो ही नहीं हो सकती, न च...
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