19-05-2022

पचपन की उम्र का ये बचपन

पचपन की उम्र में भी बचपन लेता हैं अंगड़ाइयां जिधर,भागता हैं ये मन ये! लडप्पन भी सैर सपाटा करने में उधर ही हो जाता हैं मगन । भरी बरसात में,कागज की नाव पानी के बहाव संग ये बहता हैं ये,बचपन ही हैं साहिब जो,बेफिक्री से मौज की लहरों संग खुद को...

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लेखिका गीता झा जी का जीवन परिचय

हिन्दी कविता लिखने का शौक ही व्यसन है l पढ़ना लिखना सुनना सुनाना बस यही काम है l वैदिक विचार धारा का प्रचार प्रसार मेरा उद्देश्य है l समीक्षा भी लिखती हूँ, वेद के मन्त्रों की व्याख्या कविता में लिखी पुस्तक वैदिक विनय गीतिका और हिन्दी शिक्षा को विदेशों...

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       19-05-2022

प्यासी धरती

मजाक अच्छा है कि धरती भी प्यासी है, शायद यही सही भी है क्योंकि धरती रुंआसी सी है। छोड़ो इन बातों में रखा क्या है धरती प्यासी रहे या मर जाय हमें मतलब क्या है? हम तो अपनी मनमानियां करते रहेंगे हरियाली का नाश करते रहेंगे जल स्रोतों को दफन करते...

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       19-05-2022

साहित्यकार मनजीत कौर जी का जीवन परिचय

- 1989 में अर्थशास्त्र एम. ए. - 1993 में हिन्दी एम. ए . - 2000 में बी. एड. - 2011 में M.S. in Counseling and Psychotherapy - 1990 से अध्यापन कार्य - 4 बेस्ट टीचर अवार्ड - काउंसिलिंग से दूसरों का जीवन बेहतर बनाने की कोशिश - सेवा गुरमुखी क्लास में

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स्वाभिमान हैं सबसे बड़ा मान

जब तक जियो धरती पर अभिमान के साथ स्वयं को उसमें शामिल कर जियो । बिन, स्वाभिमान बेमानी हैं बेस्किमती उपहार सारे जैसे,सांसे भी चलती हो उधार लिए हुए किराये के मकानों में ।। चार बातें सुनने के ना आदी बने ,ये कान और ना बेइज्जती सहने को मजबूर हो ये..

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       19-05-2022

दिल की हसरतें

दिल की हसरतों को, एक मुकाम दीजिए। प्रगाढ़ आत्मीय प्रेम का, पैगाम दीजिए।। यादें बसी जो दिल में, उसे इजहार कीजिए। प्रेयसी के प्रीत को, इकरार कीजिए।। चाहतों का सिलसिला थम ना जाएं कहीं जवां होती मुहब्बत को, एहसास कीजिए ।। उनकी चाह में क्यों भटके,

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       18-05-2022

यादे कल की

गर्मी की छुट्टी में कही कोई *समर कैंप* नहीं होते थे, पुरानी चादर से छत के कोने पर ही टेंट बना लेते थे , क्या ज़माना था जब ऊंगली से लकीर खींच बंटवारा हो जाता था, लोटा पानी खेल कर ही घर परिवार की परिभाषा सीख लेते थे। मामा , मासी , बुआ, चाचा के बच्चे सब

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लेखक पवन कुमार भारद्वाज जी का जीवन परिचय

निवास स्थान- गाँव नाला डाक घर फागु, तहसील व जिला शिमला हिमाचल प्रदेश शिक्षा रा उ पा चियोग से मेट्रिक, विशिष्ट विद्या पीठ तुंगेश् से शास्त्री, बी ए आनर्ज, भाषा संकाय की उपाधि हि प्र विश्व विद्यालय से, कनिष्ठ बुनियादी अध्यापक डिप्लोमा सोलन से, बी एड इग्नू

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मेरे बिलासपुर में

मेरा नाम लोकेश्वरी कश्यप हैं l मेरा जन्मस्थान छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम महली है l मैं एक शिक्षिका हूं l मैं छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में 2008 से कार्यरत हूं l बचपन से ही मेरी रुचि लेखन और पठान में रही है...

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गोरा और बादल : वीरता और शौर्य की अद्भुत कहानी

गौरा ओर बदल दोनों चाचा भतीजे जालोर के चौहान वंश से सम्बन्ध रखते थे | मेवाड़ की धरती की गौरवगाथा गोरा और बादल जैसे वीरों के नाम के बिना अधूरी है. हममें से बहुत से लोग होंगे, जिन्होंने इन शूरवीरों का नाम तक न सुना होगा ! मगर मेवाड़ की माटी में आज भी इनके...

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       18-05-2022

हमारे प्यारे सूरज दादा

पहली किरण,सूरज की जैसे तेज को अपने करती हो ज़िगर के आर पार ।। तपती धरती,जलते रेगिस्तान बयार भी जैसे,हो बेताब झुलसाने को अपने झोके की तपिश से हर इंसान ।। सूरज दादा के गुस्से का कहर,बरपा रहा हर जगह,हर मंजर गर्मी की मार ।।

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       17-05-2022

लेखिका नीतू राठौर जी का परिचय

ज़िंदगी संघर्ष विराम हैं एक चुनोतीपूर्ण संग्राम हैं भला-बुरा अंजाम हैं पियो तो एक जाम हैं जियो तो एक नाम हैं ऐसी ज़िंदगी को "नीतू" का शत-शत बार प्रणाम हैं। समझो तो सही,देहरी के पार, आलोक,सृजन,मनुहार,शगुन,कलमकार डॉट कॉम,दर्पण,स्नेह,निर्दलीय,एक और कदम,पतवार

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       17-05-2022

अरे मनुष्य जागो

सोचो, कहा है। आप आगे या पीछे आप आगे समझकर दस गुणा पीछे जा रहे हो। अरे मनुष्य सोचो। कहा हो आप। अरे। क्या कर रहे हो आप न्याय और ज्ञान को बेच रहे हो। अन्याय और अज्ञान को खरीद रहे हो। धर्म को भूल कर अधर्म को अपना रहे हो। अरे। मनुष्य

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       17-05-2022

खामोशियां, बेजुबान नही होती

ज़बान अक्सर हो जाती हैं जब खामोश और धड़कने जैसे बेजान ज़ख्म हो जब गहरे दिल में ना कही आए चैन न ही आए सुकून खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं जैसे, उनकी भी अपनी एक दुनियां रहती हैं सुनना,कभी गौर से सन्नाटे में,ये खामोशियां बेवह ज़बान को यूं ही.

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       17-05-2022

ये,रिश्ते रूह के

मन खुद ब खुद,बेपनाह मोहब्बत नवाजता हैं अपने अजीजो को मिटता हैं हर अदा पर अपने, प्यारों और दुलारोंं की जां सी छिड़कता बेशुमार प्यार,लगाव लूटाने वालों पर एक,अपने लहू के कतरे का अंश समझता हैं अपनी दुनियां के बाश

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       16-05-2022

अधूरी ख्वाहिश

मेरे बाजू की गली में थी एक चांद जो मुझे अपना चांद समझती थी बादलों से ढकी थी उसकी चाहत मैं उसे वो मुझे बहुत प्यार करती थी मिलना तो किस्मत में पता ही नही पर दिलो को धड़कना आता था जब देख मुस्कुराती थी मुझे बस दिन भर उसका चेहरा याद आता था यू ही...

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महाप्रतापी महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी

महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे। 2.... जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि- हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक...

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       16-05-2022

माता पिता की सेवा से बढ़कर नही कुछ

शादी की सुहागसेज पर बैठी एक स्त्री का पति जब भोजनका थाल लेकर अंदर आया तो पूरा कमरा उस स्वादिष्ट भोजन की खुशबू से भर गया रोमांचित उस स्त्री ने अपने पति से निवेदन किया कि मांजी को भी यहीं बुला लेते तो हम तीनों साथ बैठकर भोजन करते। पति ने कहा छोड़ो उन्हें...

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       16-05-2022

भूली बिसरी यादें -2

तरुवर की शीतल छाया में कभी हमारा गांव बसा था । आम नीम महुआ के नीचे घर आंगन परिवार बसा था ।। जहाँ खड़ी थी कभी सुनहरे खुशियों की दिव्य इमारत । नैतिक मूल्यों, संस्कार की होती थी जहां हिफाजत ।। बड़े बुजुर्गो की बातों का शिलापट्ट सा मान सदा था

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       16-05-2022

राष्ट्रीय संत, विश्व शांति दूत, भारत भूषण महंत संत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज का जीवन परिचय

जगतगुरु रामानंदाचार्य जी महाराज के द्वादश शिष्य परंपरा में सबसे प्रमुख संत शिरोमणि संत सम्राट निर्गुण भक्ति धारा के प्रथम वह भक्ति आंदोलन के प्रमुख तथा संत प्रवर्तक विश्ववंदनीय संत सम्राट सतगुरु कबीर साहेब अखिल भारतीय कबीर पंथ शिरोमणि गुरुद्वारा काशी...

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बिखरे पड़े हैं पलामू में बुद्ध के प्राचीन अवशेष

सोन एवं उसकी सहायक नदी उत्तर कोयल की घाटी में पसरा पलामू जिला में विगत ढाई हजार वर्ष से लेकर बारहवीं शताब्दी तक के बुद्ध से संबंधित अवशेष खेतों से बस्तियों तक तथा जंगलों से पहाड़ों तक बिखरे पड़े हैं। विडंबना है कि इन अवशेषों का कोई सुध लेने वाला नहीं है-

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       16-05-2022

महात्मा बुद्ध

सत्य, अहिंसा, भाईचारा बंधुत्व, प्रेम संदेश दिया । ज्ञान अलौकिक दिया विश्व को पंचशील सिद्धांत दिया ।। चोरी, हिंसा, व्यभिचार झूठ, नशा का त्याग करो । जीव-जगत परिवार सदृश है विमल हृदय सम्मान करो ।। सुविचारों से संपूर्ण धरा को बुद्धि, विवेक, सम्मान

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लेखिका बबिता प्रजापति जी का जीवन परिचय

पता- आवास विकास झांसी 2008 स्नातक 2011 बीएड कई कविताएं दैनिक जागरण समाचारपत्र, अमरउजाला समाचार पत्र, मैगजीन्स, प्रतियोगिता दर्पण जैसी देश की पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है। वर्तमान में एक शिक्षिका के पद पर कार्यरत हूँ। यूट्यूब..

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चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं।

सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की। सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता...

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       16-05-2022

ऐसा क्यों है

एक टीस मन को सदा कचोटती है, बेचैन करती चुभती है शूल सी। नहीं पता ऐसा क्यों है? न कोई रिश्ता, न कोई संबंध मान लीजिए बस तो है जैसे हो कोई अनुबंध लगता जैसे पूर्व जन्म का हमारे बीच कोई तो है संबंध। क्योंकि ऐसी बेचैनी, ऐसी चिंता यूं तो ही नहीं हो सकती, न च...

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