18-10-2022

चाय की चुसकियाँ

दिन की शुरुआत होती है, चाय की चुसकियों से | शरीर में ताजगी भर जाती है, चाय की चुसकियों से | सिर का दर्द ठिक होता है, चाय की चुसकियों से | तनाव दूर होता है, चाय की चुसकियों से गुस्सा ठंडा हो जाता है, चाय की चुसकियों से दिमाग़ हल्का...

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       17-10-2022

... सच बोलना है!

पिला दे जाम ऐ साकी,के आज ना मैंने डोलना है, बेखौफ हो जाऊं इस कदर,के आज मैंने सच बोलना है! राज़ छुपे हैं,नासूर बन के,दिल की गहराई में जो, दिल के भेदों को..आज,परत दर परत खोलना है! लगी है तोहमत,के वफ़ा के काबिल नहीं हूं मैं.. इश्क़ के तराजू में सा..

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       16-10-2022

लघुकथा-वो डरावना बंगला

किराये पर घर नही मिल रहा है सारे पैसे ट्रेन मे चोरी हो गये भूख भी लगी है जेब मे एक फूटी कौड़ी भी नही है। पास में ही सुनसान स्टेशन था बिना देरी किये मैं वहां से भाग खड़ा हुआ। कितने अरमान से गाँव से शहर आया था मेहनत से काम करूँगा और खूब पैसा कमाउगा प..

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       15-10-2022

बे फ़िज़ूल गुरुर..

कुछ दिनों से गुरुर सा हो गया है, ज़मीर,अभिमान में मग़रूर सा हो गया है! अभी तो पहले पायदान पर रखा है कदम.. आखिरी पायदान के..सुरूर में खो गया है! बेहतर हूं मैं..सानी नहीं मेरा कोई.. दिमाग़ में ना जाने कैसे,फितूर छा गया है! मिल जाए मुझे,हर पग पर

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       14-10-2022

बंद हुए कल कारखाने एवं सरकारी कार्यक्रमों से प्रेरक सीख

किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण तरक्की, उन्नति में उधोग नीति का महत्वपूर्ण स्थान है। औधोगिक कल कारखाने एक ओर जहां हज़ारों प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराते है वहीं दूसरी ओर देश के अर्थव्यवस्था मजबूतीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। एशिया के बड़े उधोगों...

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       14-10-2022

बाल कहानी-अंकित

अंकित कक्षा आठ में पढ़ता था। अंकित पढ़ने में बहुत अच्छा था, परंतु विद्यालय कभी-कभी ही जाता है। इसका कारण यह है कि वह अक्सर अपनी नानी के यहाँ चला जाता था। नानी का घर भी पास के गाँव में ही था, पर फिर भी अंकित जब भी नानी के यहाँ रुकता था तो विद्यालय नहीं जा...

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       14-10-2022

प्रेम की बरसात

सावन के सुहाने मौसम में दो प्रेमी कैसा अनुभव करते है; इन्हीं भावों को बतलाती यह रचना ऋतु वर्णन व प्रेम की अनुभूतियों को भावात्मक रूप से प्रस्तुत करती है। झूम के आया सावन, प्रेममय मन मौज में गाने लगा। प्रेम की बरसात में रंग गया तन-बदन सतरंगी रंग...

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बच्चो के दिल में छेद का निःशुल्क इलाज

अगर आपके घर में कोई छोटे बच्चे को दिल में छेद है तो सबसे पहले आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल में जाएं और वहां पर उसे दिखाएं उसके बाद वहां से पटना के इंदिरा गांधी अस्पताल या पटना एम्स में रेफर करा लें यहां आकर जांच करवा ले जांच के बाद जो...

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       10-10-2022

बाल कहानी- बाल विवाह

एक प्यारा सा गाँव था। उस गाँव में एक किसान रहता था। उसकी दो बेटियाँ थी- मुन्नी और तन्नी। दोनों बेटियाँ घर के पास ही प्राइमरी विद्यालय में पढ़ती थीं। मुन्नी कक्षा 5 और तन्नी कक्षा 4 मे थी। मुन्नी और तन्नी हमेशा समय से साथ-साथ विद्यालय जाती थी। दोनों पढ़ने..

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       10-10-2022

बाल श्रम ही सहारा है..

इस छोटी सी उम्र में,काम क्यों करते हो.. खेलकूद को छोड़कर,मजदूरी क्यों करते हो! उन बच्चों की भांति,क्या खेल नहीं सुहाते.. उनकी तरह तुम भी..स्कूल क्यों नहीं जाते?! फीकी सी मुस्कान के साथ वो बोला.. मैंने पापा के आंसुओं को, ब...

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       09-10-2022

कड़क नोटों की अजब कहानी

हर चमक फीकी इन कड़कते नोटों के सामने जैसे, पड़ गई हो कुहासा की धुंध हर रिश्ते के आगे ईमान,बनता हैं दागी होता मन बेमानी ढेर करिजमें से भरी हैं साहब ये, अजब नोटों की कहानी भ्रष्टाचार की नींव रखता मन को भी भीतर से खोखला सा करता दिन का चैन औ..

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       08-10-2022

बाल कहानी-बगीचा

रोज सुबह-सुबह पानी देता था। उसका प्रतिदिन का यही काम था। एक दिन करन ने पौधों को पानी नहीं दिया। सोचा, एक दिन अगर पेड़-पौधो को पानी नही दिया तो कुछ नहीं होगा। रोज ही तो देता हूँ। यह सोच कर वह आराम से बैठ कर खेलने में व्यस्त हो गया। कुछ समय बाद करन की अम..

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       07-10-2022

सेठ का पत्र…..

एक क़स्बे में एक धनाढ्य सेठ रहते थे जिनका अपनी पंसारी की दुकान थी. सेठ जी की उम्र क़रीब ३५ साल की थी.एक दिन दोपहरी में एक गरीब महिला अपने १० साल के बेटे के साथ सेठ जी की दुकान पर सेठ जी से कहने लगी मेरे पास खाने को कुछ भी नहीं हैं. हमें कुछ पैसे दे दो जिस से हम अपना पेट भर सके, सेठ जी महिला से बोले देखो तुम हमारे यहाँ रह सकती हो, तुम्हारे बेटे का क्या नाम हैं . गरी

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       07-10-2022

बाल कहानी- रोहित

रोहित अपने पिताजी से कहता है कि,"पिताजी मेरा मन बिस्किट खाने का है, आप मुझे पैसे दे दीजिए। मैं अपने लिए और छोटी बहन के लिए बिस्किट लाना चाहता हूँ।" रोहित के पिताजी ने रोहित को दस रुपये दिये और कहा कि,"दो पैकेट बिस्किट ले आओ। एक तुम ले लेना। एक अपनी..

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       06-10-2022

पर्दा उठाओ..रूख से!

पर्दा ना करो अपने रुख पे हिज़ाब का, हटा दो ये पहरा,रेशमी नकाब का... जलवा दिखाओ सनम,अपने शबाब का, दीदार हो जाने दो,दमकते मेहताब का। मरहबा,तेरी ये... मतवाली चाल, झुकी पलकें ... कर गई कमाल, हाल - ए - दिल हो... गया बेहाल, तेरी झलक पाने का है...

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       04-10-2022

जटिल हो गई है जिंदगी!

बड़ी जटिल हो गई है जिंदगी, ख्वाबों में सिमट गए हैं अरमान, जरूरतें पूरी करते-करते,जीवन की, पिस कर रह गया है,हर इंसान..। बचपन के संजोए हुए वो सपने, आसमान को छूने की वो हसरतें, जद्दोजहद में,ना जाने कहां खो गए, जाने कब...जुदा हो गए,वो रास्ते.!

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       04-10-2022

चंदृबरदाई को पढ़ लेना......

रचनाकार क्या होता है...हम जो one mane army काॅसेप्ट कहते है उसे परम आदरणीय चन्दृबरदाई जी नें कर के दिखाया है ..कवि मित्रों... कोरा कागज क्या व्यक्त करता है, लेखनी ही इतिहास लिखती है । बीरता और वेदना अभिव्यक्त कर.. सत्ता ओर शाशन से लड़ती है ।। कलम...

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       01-10-2022

बाल कहानी चिड़िया और चीटियां

एक प्यारा सा जंगल था। उस जंगल में कई तरह के हरे-भरे पेड़ लगे थे। रंग-बिरंगे फूल जंगल की शोभा बढ़ाते थे। फल वाले पेड़ भी बहुत सारे थे। कई जानवर फल भी बहुत चाव से खाते थे। उस जंगल में एक तालाब भी था। सभी जानवर उसी जंगल में पानी पीते थे। तालाब के पास एक बड़ा

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       30-09-2022

लेखक

दर्द को शब्दों में ढाल मरहम सा कर देता हूं मैं, दिल का हूं गर खफा थोड़ा सा भी कागज़ पर लिखकर उस खलिस को मिटा सा देता हूं चांदनी रात में तारों संग जाग अक्सर,कई घड़ियां बिता देता हूं मैं मिलने को खुद से तो,हुजूर! हो गए कई ज़माने फुरसत के चंद..

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       30-09-2022

बरसात

बहुत दिनों पहले की बात है। बरसात का दिन था। मौसम बहुत खराब था। कई दिनों से लगातार बारिश हो रही थी। चारों तरफ पेड़-पौधें हरे-भरे दिख रहे थे। चिड़ियाँ पेडों पर बैठीं मानो कोई बारिश का गीत गा रहीं हो। बादल ऐसे झूम रहे थे जैसे बहुत खुश हो। हवाएँ भी मस्ती में...

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       28-09-2022

सफलता चूमेगी कदम

जीवन के शिखर बिंदु तक पहुंचने के लिए त्याग,तपस्या और कठिन श्रम की आवश्यकता पड़ती हैं ।। बिना इनके,बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता हैं निरंतर प्रगति के लिए,जरूरी हैं ।। ईमानदारी,सत्यता और कर्मठता से कर्म किए जाएं जीवन पथ पर तभी,उज्ज्वल भवि..

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       24-09-2022

जुनूने इश्क़

पढ़ता हूं रोज़ जिसको वो, मीठी सी नज़्म हो तुम ।। बिन,बुलाए चले आते हो यादों में सताने,ऐसे ख़्वाब से हो तुम ।। मेरी दिल की नगरी को जो, कर जाएं रोशन वो,महताब हो तुम ।। जब,भी सुकून गर खोजूं फिजा के रंगों में ऐसे,घटा में उतरते आफताब हो तुम...

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       24-09-2022

पतझड़ आने वाला है..

जब,उजालों की रोशनी में, सब धुंधला सा दिखने लगे, जब,सोच की कलम..दिल पे, बीती बातों को लिखने लगे.. जब...उमरों का काफिंला, यादों में सिमटने लगे.... जब.. हड्डियों का ये जिस्म, चरमरा कर... चटकने लगे, बुलंद.. हौसलों का...

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       24-09-2022

ग़ज़ल

ऐसा भी क्या था कि आप तो सबको हंसाते गुदगुदाते लोटपोट करते करते खुद मौन हो गए, जैसे हमारी परीक्षा लेने के लिए इतने दिनों तक मौन होकर बिस्तर पर एकदम खामोश हो जम से गये। माना हमारी कोई बात तुम्हें चुभ गई या हमारे व्यवहार से तुम्हारी आत्मा घायल हो गई।

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उठ जाग मुसाफिर भोर भई

नव ऊर्जा का संचार हेतु प्रेरक कविता ऐसा भी क्या था कि आप तो सबको हंसाते गुदगुदाते लोटपोट करते करते खुद मौन हो गए, जैसे हमारी परीक्षा लेने के लिए इतने दिनों तक मौन होकर बिस्तर पर एकदम खामोश हो जम से गये। माना हमारी कोई बात तुम्हें चुभ गई या हमारे...

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