सूर्य काव्य संगम
मिष्ठान प्रेम
यात्रा संस्मरण, ईश्वर की कृति यह मानव देह विभिन्न प्रकार की इच्छाएं समेटे हुए हैं । कुछ पाने की, कुछ बनने की, कुछ होने की। इसमें सारा दोष है इंद्रियों का। जी ललचाए,,, रहा न जाए। बस इसी पंक्ति से शुरू करते है यह रोचक संस्मरण..
Read Moreभारत का गौरव नालंदा
भारतीय संस्कृति का गौरवगाथा नालंदा विश्वविद्यालय कलम मेरी चिंगारी बन जा लिख देना अमर कहानी जुबा पर सबके इंकलाब हो जागे हर हिंदुस्तानी भारत के पूरब में स्थित है ज्ञानकोष का महा प्रांत इतिहास है गौरवशाली जिसका कहते जिसको है बिहार प्रांत राजा मह
Read Moreशीत ऋतु की विवशता
शीत लहर से कांपती धरा, मनुष्य, आदि की विवशता का वर्णन करती काव्य रचना
Read Moreउठ जाग मुसाफिर भोर भई
नव ऊर्जा का संचार हेतु प्रेरक कविता ऐसा भी क्या था कि आप तो सबको हंसाते गुदगुदाते लोटपोट करते करते खुद मौन हो गए, जैसे हमारी परीक्षा लेने के लिए इतने दिनों तक मौन होकर बिस्तर पर एकदम खामोश हो जम से गये। माना हमारी कोई बात तुम्हें चुभ गई या हमारे...
Read Moreउठो धनुर्धर
महाकाव्य रामायण के युद्ध कांड में जब लक्ष्मण को शक्ति लगी और वे मुर्छित हो गये उस समय ईस्वर होते हुए भी प्रभु श्री राम साधारण मनुष्य की भांति विलाप कर रहे हैं और भाई के साथ व्यतीत क्षणों को स्मरण कर रहे I
Read Moreशहीद ए आजम
आज़ादी के महानतम क्रन्तिकारी भगत सिंह जी की काव्यात्मक जीवनी। सुना कभी एक सोन चिरैया, रहती थी मधुबन में I फिरंगियों ने आग लगा दी, आकर उस उपवन में I क़ैद हो गयी भारत माता, लोहे की जंजीरों में I कब सोचा था ऐसा भी दिन, आएगा तकदीरो में I रौंद दिया था..
Read Moreबेटी जन्म की बधाई
बेटी भी बेटो के सामान हर कार्य कर सकती है, कोई भेद भाव न करने को प्रेरित करती कविता बेटियों को भी समान अवसर मिलना चाहिए...
Read Moreबसंत की बहार
बसंत ऋतू का विस्तृत वर्णन सरसों की महक सी, पंछियो की चहक सी I प्रेम के गीत सी, घास पर शीत सी I वर्षा की फुहार सी, बसंत की बहार ऐसी I लोहड़ी की आंच सी, मयूर के नाच सी I लहरों के तरंग सी, उडती पतंग सी I होली के त्यौहार सी, बसंत की बहार ऐसी I
Read Moreस्वागत है मधुमास
ऋतुराज बसंत का स्वागत गीत नवसम्वत्सर की बेला है, नवऋतुओ ने श्रृंगार किये I आमों पर हैं खिली मंजरी, स्वागत है मधुमास प्रिये II नवरात्रि का पावन उत्सव, पूजन से वर्षारम्भ करें I नवमी तिथि जन्में रघुनन्दन, हम सबका कल्याण करें II पुष्प सुसज्जि..
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