| ब्लॉग प्रेषक: | सूर्य प्रकाश त्रिपाठी |
| पद/पेशा: | ब्लाक मिशन प्रबन्धक |
| प्रेषण दिनांक: | 21-09-2022 |
| उम्र: | 32 |
| पता: | ग्राम- बसंतपुर जिला - सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश |
| मोबाइल नंबर: | 9580008185 |
शहीद ए आजम
शहीद ए आजम
सुना
कभी एक सोन चिरैया,
रहती
थी मधुबन में I
फिरंगियों
ने आग लगा दी,
आकर
उस उपवन में I
क़ैद हो गयी भारत
माता,
लोहे की जंजीरों
में I
कब सोचा था ऐसा
भी दिन,
आएगा तकदीरो में
I
रौंद
दिया था धरती माँ को,
अंग्रेजो
ने पैरों से I
सोच
रही थी उन वीरों को,
दिखते
थे जो शेरों से I
सुनकर भारत की
ये करुण पुकार,
ईस्वर ने भेजा
एक उपहार I
दिन सितम्बर 27 साल
उन्नीस सौ सात,
किशन सिंह के
पुत्र रूप में खिला पुष्प अभिजात I
धरती
माँ की लाज बचाने,
आया था वो नरसिंह I
मात
–पिता ने लाड़ प्यार से,
नाम
रखा था “भगत सिंह”I
बचपन से ही पड़ी
थी,
जिसपर क्रांति
की छाया I
भारत की आज़ादी
का था,
स्वप्न हृदय
समाया I
छ:
बरस के बालक मन में,
जलियावाला
की गूँजे थीं I
खेतों
वाले खेल खेल में,
बोई
उसने बंदूखें थीं I
मेल हुआ फिर
लाला जी से,
अंग्रेजो भारत
छोड़ो था नारा I
देश प्रेम में
पंजाब केसरी,
कभी किसी से न
हारा I
गो
बैक कमिशन की रैली में,
लाठीचार्ज
हुआ जमकर I
अंग्रेजो
की कूटनीति में,
लाला
शहीद हुए गिरकर I
लाला जी के लिए
भगत ने,
एक प्रतिज्ञा
ठानी थी I
बटुकेश्वर के
संग तमंचे से
आफिसर स्कॉट की
बारी थी I
अचूक
निशाना था उनका,
पर
पहचान में धोखा खाया I
स्काट
की जगह गलती में,
सांडर्स
को मार गिराया I
अंग्रेजो को लगा
तमाचा,
अधिकारी की मौत
हुई थी I
गली गली में
पर्चे लग गये,
कर्फ्यू में ढील
तनिक न थी I
फिरंगियों
से बचने की
ढूँढ़
निकाली चाभी I
सिख
से जेंटलमैन हो गये,
साथ
में थी दुर्गा भाभी I
गायब होकर भी
चुप न बैठे,
अवसर था कुछ कर
दिखाने का I
प्लान बना
असेम्बली में बम फेंक,
बहरी सरकार को
आवाज सुनाने का I
तय
समय पर बटुकेश्वर के
संग
असेम्बली पहुंच गये I
धूँए
और डर के माहौल में,
दोनों
इन्कलाब गरजने लगे I
स्वेच्छा से दी
गिरफ्तारी,
अंग्रेजी सरकार
हिलाने को I
प्रत्येक मुकदमे
छपने लगे,
सोयी देशभक्ति
जगाने को I
भगत
सुखदेव और राजगुरु,
जेल
में नये साथी बने I
कसमे
खायी थी कैसे भी,
देश
को उसकी आज़ादी मिले I
14 फरवरी के
काले दिन,
सरकार राज का
हुआ फैसला I
फांसी भगत, देव,
गुरु को,
बटुकेश्वर को
कारावास मिला I
बंद
दरवाजा करने से,
क्या
कभी सूर्यास्त हुआ I
घनघोर
तिमिर उपरांत ही,
क्रांति
का सूर्य उदय हुआ I
23 मार्च 1931
की प्रात:
पहन के चोला
बसंती
आलिंगन मौत से
करने चले
जैसे कोई खेल
मस्ती
उमर
मात्र तेईस थी,
पर
सीना फौलाद था I
भगत
सिंह की फांसी पर
रोया
खुद जल्लाद था I
अंग्रेजो ने
निर्ममता की,
सारी हदें पार
करी I
लाशों के टुकड़े –टुकड़े
कर,
झेलम में अग्नि
के हवाले करी I
सरफरोशी
की तमन्ना
जनमानस
को देकर सो गया I
भारत
माँ का दीवाना,
आज़ादी
में ही खो गया I
जिन वीरो से
मिली आज़ादी
तुम भूल न जाओ
उनकी क़ुरबानी
इसलिए लिखी ये
कहानी
इसलिए लिखी ये कहानी
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
Read More27-10-2025
नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More13-10-2025
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना।
Read More30-08-2025
राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
Read More