माँ अन्नपूर्णा
सभी को भाते हैं, पर इस व्यंजन के पीछे कितनों की हाँड़ तोड़ मेहनत लगी है कितने लोग समझ पाते हैं। पैसों के गुरुर में चूर हैं कितने अन्नपूर्णा का अपमान करने में भी तनिक नहीं शर्माते हैं। चंद पैसे फेंक अनाज ले आते हैं पैसों का बड़ा घमंड दिखाते हैं,...
Read Moreसफ़र का सफ़ीना बिन पतवार ( हमसफर)के
उम्र तमाम सफ़र पर रहा पर बिन हमसफर ही रहा ।। समय की दरख्तों से झांकते मेरी ख्वाहिशों की हर बुनियांद जैसे,कहती हो पुकार हौले से आकर, कोई कर दे बस ,पूरे मेरे सारे वो अधूरे ख्वाब ।। मैं! उम्र तमाम सफ़र पर रहा पर बिन हमसफर ही रहा ।। कई अरसे से
Read Moreरिश्ते का सूत्र
पिछले दिनों मेरा सबसे प्यारा दोस्त कनक मुझसे मिलने आया। उसके चेहरे की उदासी देख मैं समझ गया कि कनक कुछ परेशान सा है। मैंने पूछा भी, तो टाल गया। मगर मैं भी कहां छोड़ने वाला। वैसे भी वो मुझसे हर छोटी बड़ी बात साझा किया करता है। रात में मैंने उससे फिर..
Read Moreधर्म और आस्था
।। धर्म और आस्था ।। जोड़ता हैं धर्म हमें इंसानियत,सच और ईमान से जातियों की सीमा और अमीरी,गरीबी में भेदभाव मिटा एकता और प्रेम के सूत्र में बांध हर इंसान पर मिटना सीखाता हैं ये धर्म ।। जो, झुककर अदब से जीना बतलाए वही धर्म हैं जो, मोह..
Read Moreद्रौपदी मुर्मू: प्रधानमंत्री का मास्टर स्ट्रोक
राष्ट्रपति चुनाव के लिए लगाए जा रहे तमाम कयासों के बीच बीजेपी ने आदिवासी नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राजग गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित कर विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के...
Read Moreविरासत बचाने की जद्दोजहद
उससे शिवसेना का राजनीतिक किया जमींदोज होने की कगार पर पहुंच गया है। महाराष्ट्र से गुवाहाटी तक का राजनीतिक खेल दिलचस्प मोड़ में आ गया है। विधायकों की बगावत के बात शिवसेना के सांसद और पार्षद भी बगावत का तेवर अख्तियार कर उद्धव ठाकरे के सामने एक बड़ा राजनी...
Read Moreमातोश्री की दरकती दीवारें
राजनीति की बाजी कब किस ओर पलट जाए इसका अंदाजा लगाना बहुत ही मुश्किल कार्य है। सत्ता और सियासत की कोई निश्चित गति और दिशा निर्धारित नहीं होती । आज के समय के सत्ता सापेक्ष और निरपेक्ष दोनों तरफ अनुगामी है। आज के राजनेताओं में राजनीतिक महत्वाकांक्षा इस कदर
Read More🌾 उपज खोती धरती...🌾
..बोया पेड़ बबूल का..आम कहां से होय.. इस लोकोक्ति को,चरितार्थ करती है,आज की परिस्थिति.. आइए..आज चर्चा करते हैं, एक ऐसी ही परिस्थिति की,जिस का विषय है.."उपज खोती धरती.." आज धरती की उर्वरता खोने के कई कारण हैं,परंतु उसकी मुख्य जड़,
Read Moreना मीरा सा भक्त कोई ।। ना राधा सा दीवाना कोई ।।
एक प्रेम दीवानी और एक भक्ति में डूब परमेश्वर को पाने की आस लगाएं जैसे, कई जन्मों की दरस की प्यासी हो ।। प्रेम हैं पाठ त्याग,समर्पण और बलिदान का और भक्ति हैं मार्ग ईश्वर के सन्निकट होने का । राधा थी बांवरी प्रीत में कान्हा की और...
Read Moreमेरी अग्नि परीक्षा
सदियों से परीक्षा होती आई, अग्नि से रिश्ता पुराना है I जन्म से पहले भय मृत्यु छाई किसको मुझसे खुशियाँ आई पसरा मातम न बजी बधाई बुझे मन बिटिया का घर आना है I चार बरश से घर को पाले, नन्हे हाथों से रोटी सेंकी चूल्हे के धुएं में जलती बेटी हर...
Read Moreकरो योग रहो निरोग
आज योग दिवस है आओ सब मिलकर योग करें निरोग रहने का अभ्यास करें नियमित योग का संकल्प करें। प्राणायाम, अनुलोम विलोम सूर्य नमस्कार,कपालभाती स्वास्थ्य, सुविधा और लाभ के अनुसार अनेकानेक योग प्रयोग करें। हम स्वस्थ रहें, निरोग रहें तो राष्ट्र और समाज भी
Read Moreयोग का अद्भुत संजोग
तन,मन और आत्मा पुंज को समेटकर चलता हैं ये, योग का ही करिश्मा हैं थके, हारे मस्तिष्क में नई उमंग नई ऊर्जा का संचार करता हैं ।। पुरानी से पुरानी विषम या जटिल बीमारियों को उड़न छु सा करता हैं स्वास्थ्य की दमक को चार चांद लगा शरीर की जंजर हुई...
Read Moreशर्म ओ हयां
शर्म ओ हयाँ गहना हैं चरित्र का रक्षक सा हैं मान और मर्यादा का । संभालता हैं पीढ़ी दर पीढ़ी रीति रिवाजों,परंपराओं और प्रतिष्ठा को ।। शर्म ओ हयां चार चांद भी लगाता हैं खूबसूरती की हर दहलीज को बांध के रखता हैं प्रीत के अनमोल धागे मन के एक...
Read Moreप्राण वायु के ही प्राण संकट में
शहर में गर्मी बहुत भीषण हो रही थी, चिप-चिपी गर्मी तन-बदन को पसीने से तरबदर कर रहे थें। पंखे की गर्म हवा सुहाती नहीं तथा कूलर का प्रभाव तो कब का फेल हो चुके थें उनकी हवावों में ठंढक का एहसास नहीं हो रहा था बस घुटन ही घुटन चारो तरफ व्याप्त था। AC सब जगह...
Read Moreपिता का मतलब
हम जानते हैं, मानते भी हैं पर विडंबना यह है कि पिता को समझते नहीं हैं, पिता हमें बेवकूफ लगते हैं जब वे हमें कुछ बताते, समझाते हैं अथवा कभी डांटते हैं। तब लगता है कि वे हमें अभी तक बच्चा ही समझते हैं, मगर ये बात उन्हें कौन समझाए कि अब हम बड़े ही नहीं समझ..
Read Moreये वक्त भी चला जायेगा
वक्त कहो या समय कोई फर्क नहीं पड़ता, बस! वक्त या समय चलता रहता है निरंतर, निर्बाध अविराम। वक्त बड़ा भोला है अपने काम के प्रति संवेदनशील है जूनून से लगा ही रहता अपने कर्तव्यों के प्रति। न ईर्ष्या न द्वैष,न निंदा न नफरत न कोई दोहरा मापदंड न हमसे लगाव, न आपस
Read Moreख्वाहिशों को पर
देना चाहता हूं मैं! अपनी हर ख्वाहिश को एक पर हां, मैं भी खुलके जीना चाहता हूं । सतरंगी अरमानों के संग ।। छुपाके,जो रखता था मन में अब तक दबाकर,जो चलता था सीने में अब तक सरेआम,कर ज़माने संग जगजाहिर करना चाहता हूं । वो, अपनी भीतर दबी इच्छा के...
Read Moreखुद के अधिकारों के लिए
हम तो कुछ भी कर सकते हैं अपने अधिकारों के लिए, नीति अनीति, न्याय अन्याय सही ग़लत, दंगा फसाद भी। क्योंकि ये तो हमारा अधिकार है, आपका कुछ नहीं है भाई, बेकार में मगजमारी न करो अपने नहीं सिर्फ हमारे अधिकारों की बात करो। क्या करोगे अपना अधिकार लेकर हमें ही...
Read Moreडॉ. हीरा लाल IAS द्वारा लिखित अद्भुत पुस्तक Dynamic डी. एम. पठन के संदर्भ में सूचना।
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से साधारण एवं मध्यमस्तरीय परिवार से निकलकर IAS बने एवं उमंग उत्साह एवं लीक से अलग हटकर लोक मंगल हित में कुछ कर गुजरने की जज्बा को साकार पथप्रदर्शक करने वाले असाधारण प्रतिभा के धनी श्री डॉ. हीरा लाल पूरे भारतवर्ष में मॉडल...
Read Moreशिखा सूत्र का वैदिक विज्ञान
सिर के ऊपरी भाग को ब्रह्मांड कहा गया है और सामने के भाग को कपाल प्रदेश। कपाल प्रदेश का विस्तार ब्रह्मांड के आधे भाग तक है। दोनों की सीमा पर मुख्य मस्तिष्क की स्थिति समझनी चाहिए। ब्रह्मांड का जो केन्द्रबिन्दु है, उसे...
Read Moreरक्त दान पर विशेष आलेख
रक्त दान पर विशेष रक्त दान क्यों महदान कहलाता है। जैसा की हम सभी लोग रक्त की अहमियत को जानते है ! रक्त अमूल्य है ये उन लोगो से बढ़कर आपको कोई नही बता सकता जो गंभीर बीमारियों के चलते अपने जीवन को बचाने के लिए जिन्हे रक्त की आवश्यकता होती है । उनके लिए...
Read Moreदोहा कबीर जयंती विशेष
दोहा प्रतियोगिता: कबीर जयंती विशेष 1. जात पात पर चोट कर जीव दया पर ध्यान । करम हो उत्तम सदा मनुज गुणों की खान ।। 2. गुरु श्रेष्ठ है जगत में गुरु को गुरुतर मान । मोम सदिश खुद को जला देता जग को ज्ञान ।। 3. वाणी मीठी हो सदा स्वच्छ हृदय नित राख
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