| ब्लॉग प्रेषक: | शमा परवीन |
| पद/पेशा: | लेखिका |
| प्रेषण दिनांक: | 06-12-2023 |
| उम्र: | ** |
| पता: | बहराइच |
| मोबाइल नंबर: | ********** |
खरगोश
रविवार छुट्टी का दिन था। वैसे तो सोनू प्रतिदिन समय से विद्यालय जाता था। सिर्फ छुट्टी के दिन सोनू पतंग उड़ाता था। सोनू को पतंग उड़ाना बहुत पसन्द था। उसकी पतंग आसमान को छूने की कोशिश करती रहती थी। आज भी सोनू छत पर पतंग उड़ा रहा था। पतंग उड़ाते समय सोनू को भूख लगी। सोनू के जेब में बिस्कुट का एक पैकेट था। पास में पानी की बोतल भी रखी थी। सोनू ने पतंग रखकर छत की फर्श पर बैठकर बिस्किट का पैकेट खोला। जैसे ही सोनू बिस्किट खाने लगा। उसके पास एक खरगोश आकर बैठ गया और बिस्किट को देखकर सर हिलाने लगा। सोनू को लगा कि जैसे खरगोश उससे बिस्किट माँग रहा हो।
खरगोश को देखकर सोनू ने महसूस किया कि ये मुझसे भी ज्यादा भूखा है। सोनू ने तुरन्त एक बिस्किट खरगोश को खिलाने के लिए खरगोश की तरफ हाथ बढ़ाया। खरगोश ने जैसे ही सोनू को अपनी तरफ हाथ में बिस्किट आते देखा तो वह तुरन्त भाग गया। सोनू हैरान होकर देखता ही रह गया। खरगोश चला गया।
सोनू को यह बात समझ आयी कि शायद खरगोश डर गया है और यही कहीं गमले में रखे पौधों के पीछे छिप गया है।
सोनू ने बिना देर किये एक कटोरी में पानी, खाने-पीने की कुछ और चीजें किचन से लाकर छत पर रख दीं। उसके बाद वह नीचे चला गया। खरगोश सन्नाटा देखकर भोजन के पास आया और उसने भरपेट खाया। फिर वह अपने घर जंगल में चला गया। सोनू सब चुपके-चुपके एक झरोखे से देखता रहा।
आज उसे पतंग उड़ाने से ज्यादा आनन्द खरगोश को भोजन खिलाने में आया। जितनी खुशी खरगोश को भोजन पाने और खाने में हुई, उससे कहीं ज्यादा खुशी सोनू को खरगोश को खुश देखकर हुई। सोनू ने पक्का इरादा किया कि अब वह कभी पतंग उड़ाने में समय बर्बाद नहीं करेंगे। वह हर छुट्टी के दिनों में पतंग के पैसों से ही छत पर पानी और भोजन रखेगा, ताकि जब कभी भी खरगोश या कोई भी पक्षी आये तो सभी को भोजन प्राप्त हो सके। सोनू को आज ये समझ आया कि अच्छा कार्य करने में बहुत आनन्द है।
शिक्षा -
जीवन का सच्चा आनन्द दूसरों को सुख और प्रेम देने में है। प्रकृति में सभी समान है।
शमा परवीन
बहराइच (उत्तर प्रदेश)
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
Read More27-10-2025
नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More13-10-2025
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना।
Read More30-08-2025
राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
Read More