| ब्लॉग प्रेषक: | अमृता विश्वकर्मा |
| पद/पेशा: | साहित्यकार |
| प्रेषण दिनांक: | 10-11-2023 |
| उम्र: | 24 |
| पता: | सिलाओ, नालन्दा |
| मोबाइल नंबर: | *********** |
मां ने कुछ नहीं सिखाया
आज सब्जी में नमक अधिक हो गया,
ससुर जी ने कहा,
मां ने कुछ नहीं सिखाया।
रोटियां थोड़ी टेढ़ी - मेढ़ी थी,
सास ने कहा,
मां ने कुछ नहीं सिखाया।
जल्दी - जल्दी में,
टिफिन पैक करना भूल गई,
पति ने कहा,
मां ने कुछ नहीं सिखाया।
ननद का मेक-अप थोड़ा बिगड़ गया,
ननद ने कहा,
मां ने कुछ नहीं सिखाया।
कुछ कागज इधर-उधर हो गये,
देवर ने कहा,
मां ने कुछ नहीं सिखाया।
मेहमानों की खातिरदारी में,
थोड़ी कमी रह गई,
मेहमानों ने कहा,
मां ने कुछ नहीं सिखाया।
मां ने तो पढ़ना भी सिखाया,
लेकिन आगे पढ़ने दोगी क्या?
मां ने तो नृत्य भी सिखाया,
नृत्य करने दोगे क्या?
मां ने तो गायिकी भी सिखाई,
गाने दोगे क्या?
मां ने तो इंजीनियरिंग भी सिखाया,
आप एक सफल इंजीनियर बनने दोगे क्या?
मां ने तो अपने सपनों को,
पूरा करने करने के लिए सिखाया,
आप पूरा करने दोगे क्या?
मां ने तो सास - ससुर को,
मां - बाप जैसा सम्मान देने के लिए सिखाया,
आप मुझे बेटी जैसा प्यार दोगे क्या?
मां ने तो ननद - देवर को,
भाई - बहन जैसा प्यार देना सिखाया,
आप मुझे बहन जैसा दुलार दोगे क्या?
मां ने तो बहुत कुछ सिखाया,
आप मुझे वो सब करने दोगे क्या?
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