| ब्लॉग प्रेषक: | अमृता विश्वकर्मा |
| पद/पेशा: | साहित्यकार |
| प्रेषण दिनांक: | 15-06-2023 |
| उम्र: | 24 |
| पता: | सिलाव, नालंदा |
| मोबाइल नंबर: | *********** |
गर्मी की छुट्टी
गर्मी की छुट्टी सिर्फ बच्चों के लिए नहीं होती है। इसकी प्रतीक्षा सभी करते हैं। बच्चे,उनके शिक्षक, उनकी मां सभी लोग करते हैं। गर्मी की छुट्टी में सारा परिवार एक साथ होता है। बहन, बेटियां और बुआ लोग अपने अपने मायके आती हैं। जो बच्चे हॉस्टल या बाहर रह कर पढ़ाई करते हैं वे भी इस गर्मी की छुट्टी में घर आ जाते हैं। बच्चे अपनी नानी के घर जाने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं। बच्चे जब अपनी नानी के घर आते हैं तो उन्हें भी अपनी नानी,नाना, मौसी, मामा मामी से मिलने का अवसर मिलता है। रिश्तों के बारे में जानने का मौका मिलता है उनकी अहमियत को समझने का मौका मिलता है। परिवार के साथ आनंद लेने का। शिक्षको को भी अवसर मिलता है साल में एक बार उन्हें जैसे जीना ही जिए,जैसे रहना है रहे, जहाँ स्त्रियां भी प्रतीक्षा करती रहती हैं कि गर्मी की छुट्टियों में वे अपने मायके जाए और अपने परिवार से मिलती हैं।अपना बचपन याद करती हैं। अपने नानी के घर में अपने भाई बहन के साथ आम, लीची, तरबूज, खरबूजा जैसे फलों का रसास्वादन करते हैं। इसमें ना तो विद्यालय के गृहकार्य का ही उन्हें तनाव होता है।परिवार के साथ आनंद लेते हैं।शिक्षको को भी थोड़ा अपनी मनपसंद स्थान पर घूमने जाने का अवसर प्रदान होता है। वो भी इस गर्मी की छुट्टी का पूरा आनंद लेते हैं। गर्मी की छुट्टी का सबसे अधिक प्रतीक्षा स्त्रियों को होती है। वो एक साल पहले से ही सोचती रहती हैं कि इस बार छुट्टी में कहाँ जाना है? गर्मी की छुट्टियों में ही सभी अपनी सहेलियों से मिलती हैं। अपनी पुरानी यादों को ताजा करती हैं। अपनी मां बाप से मिलती हैं। उनसे अपने खुशी और दुख पल बांटती हैं।जब ये छुट्टियां खत्म होने वाली होती हैं तो वो अपना सामान पैक करती है। और फिर चली आती है अपने पति के घर। उन यादों के साथ। और गर्मी की छुट्टी इस तरह समाप्त हो जाती है फिर अगले साल इसी हर्षोल्लास से इसकी प्रतीक्षा किया जाता है।
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