मुर्गा, खस्सी, मदिरा, नववर्ष और आंग्ल वर्ष के विरोधी।

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ब्लॉग प्रेषक: राजीव भारद्वाज
पद/पेशा: व्यंगकार
प्रेषण दिनांक: 01-01-2023
उम्र: 35
पता: गढ़वा, झारखंड।
मोबाइल नंबर: 9006726655

मुर्गा, खस्सी, मदिरा, नववर्ष और आंग्ल वर्ष के विरोधी।

मुर्गा, खस्सी, मदिरा, नववर्ष और आंग्ल वर्ष के विरोधी

    याद आ गया वो ज़माना जब सिनेमा का टिकट लेने के लिए लंबी लंबी कतारें लगी करती थी और दबंग लोग पीछे से सेटिंग करके टिकट लेते थे, आज एक जनवरी को वैसी ही कतारें मुर्गा और खस्सी दुकान पर देखने को मिली। भारी भरकम तोंद के स्वामी हमारे जगत नारायण चचा जीभ लपलपाकर खस्सी दुकान वाले से बोले की तनी चुस्ता डाल देना कलेजी के साथ तो अनायास ही सनी लियोनी आंख के सामने आ गई।

जगत चचा का तोंद हजारों खस्सियों का कब्रगाह था, उनकी बांह भी चिकन सरीखा हो गई थी और तो और मुंह भी जमुनापारी नस्ल की बकरी से मिलने लगी थी, वो तो उनकी किस्मत थी की बकरी के शौकीनों की नजर उन पर नही पड़ी नही तो बेचारे कहीं मुंह दिखाने लायक नही रहते।

मुर्गा सब अंतरात्मा से खुश था की उसका जीवन कम से कम किसी के काम तो आया, वैसे भी जिस प्रकार फ्री के चावल बांट कर सरकार लोकप्रिय और सत्तासीन रहने की नायाब तरकीब ढूंढ निकाली थी उसी प्रकार मुर्गा संघ भी अपनी कुर्बानी दे कर सीधे स्वर्ग में सत्तासीन होने को आतुर थी।

 प्लीज... टेक मि वन हाफ कोटर, न जी सवेरे ही चढ़ा लिए का, मार अंग्रेजी बोल रहे हैं। साइलेंट यू एंड फॉरगेट मि अर्जेंट। आई अल्सो टाक इंग्लिश, व्हाट इज डॉग बिहाइंड मि। अरे जल्दी से इसको बैगपाइपर का क्वार्टर दो, पता नही का गरिया रहा है।

 ठेके पर लगी भीड़ ने ये जता दिया की भले ही नववर्ष अंग्रेजों का त्योहार हो लेकिन हिंदुस्तानियों के लिए पीने का बहाना। सुबह से ही शहर की नालियां गुलजार थी, आज नालियों को नर्म मुलायम बिस्तर समझा जा रहा था। और मुंह में जाती हुई नाली का पानी समुद्र मंथन में निकला हुआ अमृत। शहर के चुनिंदा पिकनिक स्थल पर हरदिया नईखे दरदिय देल हो बलमू, राजा कोरवा में आजा, और लहंगा को रिमोट से उठाने वाले गाने पर हमारे देश के होनहार कमरिया लचका रहे थे, बस खुमार नही टूटना चाहिए। जब लगा की खुमारी में कमी आ रही है तो नदी के पानी से ही पैग बनता और गटक। अब उसको मत पिलाए, लरुआ गया है ऊ। ई पानी में चिकन का खुशबु काहे आ रहा है, हम देखे हैं भईया पी के पिंटुआ पहिले तो उल्टी किया अपन टोपी में फिर पिए वाला पानी के बाल्टी में उसको डूबा डूबा के धोया, हमको लगता है ऊ पनिया ही आप पी रहे हैं।

 तबे न चिकन जैसा लगा। ठीक है चखना का काम करेगा ऊ पानी। उधर मत जाइए न जी, देख रहे हैं लइकन सब जांघिया पर ही नाच रहा है, अरे देखिए, देखिए खुल गया उसका जांघिया। पता नही कौन पैदा करता है ई सब कुकुरन के। आप ही न कह रहे थे डैम में पिकनिक मनाएंगे, और दिखा रहे हैं अश्लील लौंडा नाच। चलिए घरे मनाते हैं आपका एक जनवरी हम।

और उधर आंग्ल नववर्ष के घोर विरोधी कल रात से ही टल्ली थे इस चिंता में की एक जनवरी हमारे सभ्यता और संस्कृति के लिए घातक है। एक जनवरी को उभरते हुए पश्चिम संस्कृति और आंग्ल भाषा के वर्तमान धरोहर की अश्लीलता देखने से अच्छा है की एक पौवा मार के रजाई के नीचे सूत जाएं।

और शाम से खबर आने लगी, फलाना जगह बाइक से गिरकर दो लोगों की मौत। कार का हुआ भीषण एक्सीडेंट, ट्रक ने नशे में चार को कुचला। दिन भर मस्ती, और मस्ती के बाद खुद तो निकल लिए, लेकिन काश सिर्फ आप निकलते लेकिन आप ये क्यों भुल जाते हैं की आप नही निकलते, आपके साथ आपका पूरा परिवार निकल जाता है। सुरक्षित रहिए, सावधान रहिए, मदिरापान से बचिए। नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना।

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