| ब्लॉग प्रेषक: | राजीव भारद्वाज |
| पद/पेशा: | व्यंगकार |
| प्रेषण दिनांक: | 29-12-2022 |
| उम्र: | 36 |
| पता: | गढ़वा झारखंड |
| मोबाइल नंबर: | 9006726655 |
सीरियल पगला देगा...
सीरियल पगला देगा...
देखिए आज जेल से निकले हैं महोदय! जेल से निकले हैं काहे, अरे भाई ई अपन पड़ोसन के महंगाई समझ के काबू करने का प्रयास कर रहे थे, मुहल्ला वाला कुट दिया फिर भेजा जेल। और ई सब हो रहा है टेलीविजन के सीरियल के वजह से। हमरो लगता है कभी कभी की आपन देश में परिवार नियोजन पर जहियां से जादे फोकस किया जा रहा है उसी समय से जनसंख्या भी पूरे रफ्तार से बढ़ता जा रहा है।
देखो भाई ई टेलीविजन और इसमें रोज चलने वाला सीरियल, जनसंख्या हो या बदचलनी, षडयंत्र हो या क्रूरता सब को बढ़ाने में अपना पुरजोर प्रयास कर रहा है। हमरा नानी तो खर्राटे के जगह, हम भी कभी बहू थे, हम भी कभी बहू थे रटते रहती है।
" कुमकुम" शुरू हुआ था, मैं अपने पूरे परिवार के साथ इसे देख रहा था, एक सीन में हीरोइन की मां पर माता सवार हो गई। कुछ ही दिन बाद एक जगराता में मेरी मां के ऊपर भी माता सवार हो गई, वो तो भला था की मैं अकेले उनके सात नही गया था, पिताजी भी थे - मत पूछिए आधे घंटे तक पिताजी को महिषासुर समझ के, मेरी मां ने वो धुलाई की कि बेचारे आज भी अपने दोनो पैर को दो कट्ठा में कर कर बैठते हैं।
"सुहाग मेरा अमर" सीरियल में जब महेश की पत्नी कुलवंती को पता चला की वो मां बनने वाली है तो उसने सबसे पहले अपने बिजनेस पार्टनर राहुल को फोन करके बताई की वो मां बनने वाली है और उस बच्चे की अब संपूर्ण जिम्मेदारी उसकी है। मेरी दादी ने पूछा की वो बीबी तो महेश की है तो फिर राहुल को क्यों बता रही है तो मैंने कहा की शर्म की वजह से उसने अपने दोस्त को बताई दादी। दादी बोली की उसे नाज है हमारे इस दौर की महिलाओं पर जिसने शर्म हया को बचा कर रखा है।
सीरियल के मुताबिक यहां हिंदुस्तान में हर आदमी अपने घर में तो बच्चे पैदा कर ही रहा है साथ में कई अन्य घरों में भी इनके योगदान में कोई कमी नहीं है।
एक सीरियल में पैंतालीस ऐसे होने वाले बच्चे हैं जिनके अपने बाप से कोई मतलब नहीं है। मेरे समझ से जनसंख्या नियंत्रण विभाग को इनसे कुछ सीखना चाहिए की कहां कमी है, क्यों जनसंख्या रुक नही रही। मुझे तो लगता है की सीरियल में जान बूझ कर मर्दों को कमजोर दिखाया जाता है ताकि महिलाएं अपनी मनमर्जी का कर सकें।
"सदा सुहागन" में तो प्रभा सरला से बोली की मेरे पति बहुत खुश हैं की मैं मां बनने वाली हूं लेकिन मैं उन्हे कैसे बताऊं की ये बच्चा डॉक्टर चरणजीत का है। कहीं मेरी दुनिया सुनी न हो जाए । इसके बाद मार्मिक संगीत और फिर आठ दस बाल्टी आंख से बहता हुआ लोर।
ई सीरियल के चक्कर में कई बार मेरी पत्नी हमको जरल रोटी डांट डांट के खिलाई, ये बोलकर की "पवित्र बहु" नामक सीरियल में कैसे एक बार मीनाक्षी गलती से अपने पति को सलफास खिला दी थी, फिर उसके किडनी का ऑपरेशन हुआ था, तो उसका सारा व्यापार खतम हो गया, फिर बाद में उसके चेहरे का प्लास्टिक सर्जरी हुआ, तब जाकर वो फिर से रोटी खाने लायक हुआ। सुन कर लगा साला बेंजामिन बारला से कांके के मानसिक अस्पताल में दो आदमी का मुलाकाती सुनिश्चित करना पड़ेगा, भले ही मुझ पर दया करके मुझे छोड़ दे लेकिन मेरी पत्नी को तो एकदम भर्ती कर लेगा। हाय री सीरियल और उसके दर्शक। जूम, जूम, जूम तीन बार कंडोड़वा संगीत और फिर तीन बार गरदन का झटकन। अरे बाप कोई तो बचाओ, घर भी जल्दी पहुंचो और साथ में सीरियल देखो, जीते जी यही नरक है।
पागल खाना में भी कोई "कुमकुम भाग्य" देख कर पहुंचा था तो कोई "मेरी बीबी उसकी कैसी" देख कर, कोई "मेरा पति किसका किसका" और कोई "कभी पति कभी नौकर" देख कर। मजे की बात तो ये थी की डॉक्टर भी उस अस्पताल में सीरियल के दीवाने थे, बाकी "होइहें वही जे राम रची राखा"।
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