| ब्लॉग प्रेषक: | सुधीर श्रीवास्तव |
| पद/पेशा: | निजी कार्य |
| प्रेषण दिनांक: | 12-06-2022 |
| उम्र: | 52 |
| पता: | गोण्डा, उत्तर प्रदेश |
| मोबाइल नंबर: | 8118285921 |
गर्मी
गर्मी
चिलचिलाती, चिपचिपाती गर्मी का
रौब हर साल बढ़ रहा है,
आमजन का जीवन मुश्किल हो रहा है,
क्या कहोगे दोस्तों
सितम ये क्यों बढ़ रहा है?
आधुनिकता का आवरण
ओढ़ जो लिया हमने
कंक्रीट के जंगलों को
जीवन मान लिया हमने,
बड़ी बेहयाई से पेड़ काट रहे हैं
धरती की हरियाली पर कुठाराघात कर रहे हैं,
धरती का दामन बड़ी बेशर्मी से
खोखला करते जा रहे हैं।
यह कैसी विडम्बना है कि
अपनी औलादों के लिए
घुट घुटकर जीने ही नहीं
मरने का इंतजाम भी हम खुद ही कर रहे हैं।
वाहनों की रेलमपेल हम ही बढ़ा रहे हैं
जीवन जीवन की तरह नहीं जी रहे
जैसे आँख मिचौली कर रहे हैं।
कितना अजीब है कि हम
गर्मी से बेहाल हो गर्मी को कोस रहे हैं
लगे हाथ आधुनिकता और अपनी सुविधा के लिए
धरा की वास्तविक व्यवस्था को छेड़ भी रहे हैं,
अनगिनत बीमारियों का कारण बन रहे हैं
पानी की किल्लत से युद्ध कर रहे हैं।
अब तो लीला देखिए हमारे अपने कर्मों की
गर्मी से भी अब लोग मर रहे हैं।
भीषण गर्मी से मार्ग दुर्घटनाओं में भी
बाढ़ सी दिखने लगी है,
अग्निकांड की तपिश जलाने लगी है,
कुँए, ताल, पोखर इतिहास हो रहे हैं
नदियाँ भी आँसू बहाने लगी है।
बेमौसम बरसात की बात क्या करें
प्राकृतिक असंतुलन, बाढ़, सूखा, भूस्खलन
आम बात हो ही हो गई है,
धरती और बादल फटने की घटनाएं भी
अब चौंकाती नहीं हैं।
दोष किसका है ये तो हमें सोचना होगा,
गर्मी को कोसने भर से कुछ नहीं होगा,
गर्मी कब तक कितना धैर्य रख सकती है?
इसका भी चिंतन, मनन करना होगा
जीना है हमें यदि तो इंसान बनना होगा
जल, जंगल, जमीन की इज्जत ही नहीं
संरक्षण भी करना होगा,
औरों को दोष देने भर से कुछ नहीं होगा,
गर्मी का ताप कम हो
हम सबको ही काम ऐसा करना होगा
वरना गर्मी के ताप से झुलसना ही नहीं
बेमौत मरना ही होगा।
क्योंकि ये सारा इंतजाम हमारा है
तो इसका प्रतिफल भी तो हमें ही भोगना होगा
गर्मी, गर्मी चिल्लाने से भला क्या होगा?
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक, स्वरचित
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
Read More27-10-2025
नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More13-10-2025
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना।
Read More30-08-2025
राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
Read More