| ब्लॉग प्रेषक: | चंद्रेश कुमार पाठक |
| पद/पेशा: | |
| प्रेषण दिनांक: | 06-03-2022 |
| उम्र: | 45 |
| पता: | प्लॉट नं -49, गार्डन पैराडाइज आवासीय परिसर, जगन्नाथ सराय, रानी की सराय आजमगढ 276207उत्तर प्रदेश |
| मोबाइल नंबर: | 9795217152 |
भारत में बेरोजगारी
जनपद आजमगढ उत्तर प्रदेश के एक बड़ी आबादी वाले जनपदों में एक है, यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि है लेकिन आज के परिवेश में कृषि एक चुनौती हो गई है कारण कई हैं क्यों कि एक बड़ी आबादी अन्य प्रांतों में जीविकोपार्जन हेतु पलायन कर जाती है और आज यहां कोई दूसरा विकल्प नहीं है जिससे पलायन को रोका जा सके तथा जनपद उद्योग शून्य है। इसी समस्या से निजात पाने के लिए एक ऐसा संस्थान आजमगढ में जो बेरोजगार युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण निः शुल्क प्रदान करता है। प्रतिभागी में उद्यमिता विकास के साथ साथ मृदु कौशल का भी विकास करता है जिससे उन्हें अपना स्व रोजगार स्थापना में मदद मिलती है और आज हजारों लोगों ने अपने आप को संस्थान से जुड़ कर स्वावलंबन प्राप्त किया है । संस्थान में कुल 50 से ज्यादा विषयों पर प्रशिक्षण समय समय पर प्रायोजित किया जाता है। प्रतिभागी में हार्ड स्किल तथा सॉफ्ट स्किल्स के विकास के साथ साथ आत्म विश्वास, जोखिम लेने की क्षमता, समय प्रबंधन, वित्तीय लेन देन, बैंकिंग के अलावा आत्मानुशासन विकसित कर उन्हे योग्य व्यवसाई बनाया जाता है। संस्थान मुख्य रूप से चार श्रेणी में यथा कृषि, उत्पादन, सेवा तथा सामान्य उद्यामीता कार्यक्रमों का संचालन कर लोगो को अपना स्वरोजगार स्थापित करने में मदद करता है। यह कार्यक्रम पूरे भारत में प्रत्येक जनपद में संचालित है, जिससे पलायन को लेकर उत्पन्न समस्या से निजात मिल रही है। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि आज के समय में गिरती शिक्षा की स्थिति और नौकरी के प्रति लोगों का आकर्षण बेरोजगारी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है, प्रारब्ध में कार्य के आधर पर लोगों में जागरूकता थी और वो अपने स्तर पर उसी व्यवसाय से जुड़े रहते थे और उनके लिए आजीविका सृजित हो जाती थी किंतु आज के समय में खराब शिक्षा के स्तर के कारण ज्यादातर लोग ग्रेजुएट/ पोस्ट ग्रेजुएट हो गए और उन्होंने अपने स्तर के कार्य को छोड़ कर नौकरी की तलास में निकल पड़े हैं, ज्यदातर लोगो को तो उनके विषयो का भी ज्ञान नहीं है, आधा अधूरा ज्ञान लेकर घूमते रहते हैं और सिस्टम को कोसते रहते हैं और अपने साथ साथ लोगो को भी मुफ्त राय देते रहते हैं कि सरकार नोकरी नही दे पा रही है, अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने की कोशिश करते रहना चाहिए सफलता तो मिलेगी ही और स्वावलंबन भी । मेरा अपना मानना है कि व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधार पर अपने लक्ष्यों को निर्धारित किया जाना चाहिए क्योंकि यदि हम अपना मूल्यांकन किए बिना प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे तो सफलता की प्रायिकता कम हो जाती है अतः सभी को आत्म मंथन, आत्मचिंतन तथा अत्मविवेचन करना चाहिए, और जितना संभव हो सके उतनी ऊर्जा के साथ जीवन को सफल बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए।
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
Read More27-10-2025
नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More13-10-2025
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना।
Read More30-08-2025
राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
Read More