ऐ ज़मीं माँ

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ब्लॉग प्रेषक: आर सी यादव
पद/पेशा: शिक्षक/ मोटिवेशनल स्पीकर/फ्रीलांस जर्नलिस्ट
प्रेषण दिनांक: 30-04-2022
उम्र: 48
पता: डोभी केराकत जौनपुर यूपी
मोबाइल नंबर: 9818488852

ऐ ज़मीं माँ

ऐ जमीं मां

तेरी यह उम्र है सदियों पुरानी

मैने सुना था पूर्वजों से तेरी कहानी।

वे सुने होंगे अपने पूर्वजों से

उनकी जुबानी ।।


और

आज मैं देख रहा हूं

सुन रहा हूं

तेरे पिछले कर्मों की कहानी ।।

ये अनगिनत जड़-चेतन

जिन्हें लादे हुए हो अपनी पीठ पर।

ये सागर झीलें नदियां

जो गिरते हैं तेरे उदर पर ।।


इतना सारा भार -----

सदियों से उठाए चली आ रही हो

और चलती रहोगी।

क्या कभी थकती नहीं ?


बहुत सी चोट ----

जो हम सदा ही तुम्हें देते हैं

इनकी गहरी पीड़ा से

क्या कभी आह भरती नहीं ?


मगर मां ----

तुम ममतामई, वात्सल्यमयी ।

तुम्हीं से है हम सबका जीवन

तुम ही हो करूणामयी  ।।


तेरी गोंद में जन्में हम सब 

खेलकूद कर बड़े हुए हैं ।

तेरी कोमल मिट्टी में हम

लोटपोट कर पले हुए हैं ।।

 

तेरी उर्वर मिट्टी

सदा ही उपजे सोना ।

तेरी हरियाली से महकें

जग का सारा कोना-कोना ।।


तुमने हमें सब कुछ दिया

बदले में हमने , तुम्हें क्या‌ दिया ?

करते आ रहे हैं सदियों से तेरा दोहन ।

कैसे करती हो सब सहन ।।


मां , तुम धन्य हो

इस जग का सारा बोझ 

सदियों से लेकर चली आ रही हो ।

तुम आराम कब करोगी ?

तेरी यह उम्र तो आराम की है ।

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