दौलत की चमक के मारे रिश्ते बेचते

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 23-04-2022
उम्र: 30
पता: Lucknow
मोबाइल नंबर: 9453749772

दौलत की चमक के मारे रिश्ते बेचते

।। दौलत,शोहरत की चमक के मारे

रिश्ते बेचारे ।।

 ।। वक्त की मार कहे या

बुद्धिहीनता का शिकार

दबे और कुचले जाते हैं ।

दिल के जज़्बात

 रिश्ते नातों की टूटती डोर से 

अमिट निशान दिल पर पड  जाते हैं ।

यूं,मानो

बतला रहे हो कोई सबक की कहानी ।।

# ये,

दिल के जज़्बात हैं साहब!

कोई,भरी बाज़ार में बिकता समान नहीं

जो,आज खरीदा कल बेचा या फेंका कूड़ेदान में ।

मैंने,

देखा हैं आज के दौर में

बड़ी बड़ी हस्तियां,ऊंचे ऊंचे औधे पर बैठे

छोटी मानसिकता धारित किए लोग

खिलवाड़ करते हैं रिश्तों से,भावनाओं से ।

उन्हें,

फर्क नहीं पड़ता । जज़्बात भीतर ही भीतर खोखले हो

या तोड़े,रौंदे या कुचले जाए ।

फर्क! नही पड़ता उन्हें

वो,बस करते हैं अय्यासी

निभाते हैं पवित्र रिश्तों के साथ मक्कारी, छल और

बेमानी ।

यूं,

जिस्मों का पल पल अलगाव

जैसे,हो गया

मानो,कपड़ों का कर रहे हो  बदलाव ।।

नही हैं ऊंचे घराने या खानदानी कोई निशानी

ये तो दर्शाती हैं ।

छोटे दिल रखने वालों की ना मिटने वाली कोई

किस्सा और कहानी ।।

पढ़ना लिखना, उच्च शिक्षा या पद

ग्रहण करना हैं तब, तक बेमानी सा

जब,तलक

ना निभानी आए ईमानदारी से 

ये,रिश्तों की जानी और अनजानी सी

निरंतर चलने वाली कहानी ।।

सोचिए और विचार कीजिए जरा

धन्यवाद ।।

स्नेहा कृति

(साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)

कानपुर उत्तर प्रदेश

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