सरगम के सात सुर और मेरी पायल की रुनझुन रुनझुन

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 22-04-2022
उम्र: 30
पता: Lucknow
मोबाइल नंबर: 9453749772

सरगम के सात सुर और मेरी पायल की रुनझुन रुनझुन

।। सरगम के सात सुर और मेरी घुंघरू की रुनझुन ।। 

सरगम के सात सुर 

सजते हैं 

जब जब,

मेरे पांव में बंधी हर  एक घुंघरू करती हैं ।। 

तेरी मोहब्बत में,

रुनझुन रुनझुन  तब तब ।।

पांव की किस्मत भी गुलज़ार

हुई पायल के पांव पर अलंकृत होने पर ।।

कब कि,

बेचैनी, बदली  तब सुकून में 

जब,पांव को स्पर्श करती हैं ।।

पायल का हर  एक घुंघरू  और उसकी झन झन ।।

मेरी बेताबियों,

में भरता हैं एक चैन का आलम ।।

जब,जब

पायल,पांव की करती हैं भरी सुरों की 

महफ़िल में घुंघुरुओं से रुनझुन तब तब ।।

रिश्ता 

पायल की घुंघरू और पांव का ऐसा

जैसे,हो प्रेमी  युगल कोई शिद्दत से डूबे

प्रेम रस से भरी मधुशाला की फुहारों में ।।

सरगम के सात सुर लगते हैं तब,

जब,मेरी पांव में बंधी पायल करती हैं 

तेरी,याद में 

तेरे दीदार के चाहत में

रुनझुन रुनझुन ।।

❤️❤️❤️❤️❤️

स्नेहा ❤️ कृति

(साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)

कानपुर उत्तर प्रदेश

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