दिल के जज़्बात

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ब्लॉग प्रेषक: शेख रहमत अली बस्तवी
पद/पेशा: कवि
प्रेषण दिनांक: 28-03-2022
उम्र: 29
पता: बस्ती उ.प्र. (भारत)
मोबाइल नंबर: 7317035246

दिल के जज़्बात

दिल के जज्बात

मैं प्रेम के दो शब्दों पे भरोसा करने वाला।

और वो दिल से मेरे खेले तो बुरा लगता है।।


मैं दुनियाँ की भीड़ में उसको पहचान जाऊँ।

वो पहचान कर भी तन्हाँ छोड़े तो बुरा लगता है ।।


वो इन रिश्तों की ऐहमियत को क्या जाने।

सिर्फ़ मतलब से रिश्ते जोड़े तो बुरा लगता है।।


जो चन्द मीठे अल्फ़ाज़ों से मेरा हुनर छीन ले।

ज़माने से ख़ुद का हुनर बोले तो बुरा लगता है।।


मेरे नसीब में ख़ुशी नहीं तो न सही "रहमत"।

हर तरफ़ हो ग़मों के मेले तो बुरा लगता है।।


©मौलिक स्वरचित

~शेख रहमत अली "बस्तवी"

बस्ती उ, प्र, (भारत) 


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