मनहर तेरा परिधान प्रिए

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ब्लॉग प्रेषक: आर सी यादव
पद/पेशा: शिक्षक एवं रचनाकार
प्रेषण दिनांक: 28-03-2022
उम्र: 48
पता: डोभी, जौनपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर: 9818488852

मनहर तेरा परिधान प्रिए


दिलकश मनहर अनुपम प्यारा 

आकर्षक परिधान तुम्हारा ।

नवयौवना सा सजी-धजी तुम

मनभावन है रूप तुम्हारा ।।


तन से लिपटे हुए ढंग से

निखर आया है रुप सलोना ।

केश पाश बिखरी कंधों पर 

हर्षित होता दिल का कोना ।।


अजब सौम्यता छाई मुख पर 

मुस्कान अधर पर खेल रही है ।

तेरे इस मोहक मधुर रुप से

मन में खुशियां फैल रही हैं ।।


देखा आज सुबह मैंने

विपुल सौंदर्य से खिली हुई ।

असीम हुस्न , रुपसी छवि

शिख से नख तक तुम सजी हुई ।।


सतरंगी परिधान तुम्हारा

जुड़ समीर संग लहर रहा है।

प्रेम उमड़ आया अंतर्मन

मन मयूर बन मचल रहा है ।।


मन विह्वल है देख तुझे

मनमंदिर में बसा लिया ।

मन का मीत समझ तुमको 

अंत:स्थल में छुपा लिया ।।


सुघर नयन, चंचल चितवन

काजल की रेखाएं दिलकश ।

होठों पर छाई सुर्ख लालिमा 

माथे की बिंदिया की चमचम ।।


लटक रही है लट कपोल पर

रौशन चेहरा छुपा लिया है ।

छुपा हुआ ज्यों चाँद मेघ में

नयनों को अभिराम किया ।।


देख रुप तुम्हारा अनुपम 

भाव उभर आए मन में ।

मेरे मन के मीत बनो तुम

खुशियां छाए जीवन में ।।


दिल में सिमट गई छवि तेरी 

मन में है सम्मान तुम्हारा ।

मुखर हो उठी प्रखर लेखनी 

लिखने को गुणगान तुम्हारा ।।

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