अति संक्षेप शोध सारांश:
दहेज़ प्रथा समाज के हर वर्ग के लिए एक अभिशाप है| इसका उन्मूलन कर जड़ से उखाड़ फेकना आवश्यक है| इससे ही मानवता का पुंज प्रखर रूप लेगा|
| शोधार्थी | स्नेहा सिंह |
| पता | Shri vivek sachan D1/8 sector e lda colony lucknow(shravan apartment) Pin code-226012 State-up City-india |
| मोबाइल नंबर | 9453749772 |
| ई-मेल | sachanvibha51@gmail.com |
| प्रकार | ई-बुक/ई-पठन |
| भाषा | Hindi |
| कॉपीराइट | नहीं |
| पठन आयु वर्ग | सभी लोग |
| कुल पृष्टों की संख्या | 46 |
| ISBN(आईएसबीएन) | NA |
| शोध संस्थान का नाम | दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र |
| Publisher/प्रकाशक | दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ई-प्रकाशन केंद्र |
| अति संक्षेप शोध सारांश | दहेज़ प्रथा समाज के हर वर्ग के लिए एक अभिशाप है| इसका उन्मूलन कर जड़ से उखाड़ फेकना आवश्यक है| इससे ही मानवता का पुंज प्रखर रूप लेगा| |
| अन्य कोई अभियुक्ति | NA |
| पर्यवेक्षक/मार्गदर्शक | SUSHIL SINGH |
| अपलोड करने की तिथि | 22-08-2025 |
औसत स्टार रेटिंग
5 out of 5
(1 रेटिंग)
Rajiv
12-04-22वर्तमान समय में इस पुस्तक का महत्व समस्त मानव जाति को धर्म के प्रति जागरूक करती है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का वर्णन बड़े ही स्पष्ट रूप में भाव कि प्रधानता के साथ की गई है। उनके बाल्यकाल से लेकर स्वयंवर तक हर बारीक से बारीक घटनाओं पर भी सार्थक दृष्टि लेखक महोदय की रही है। अपने आप में यह पुस्तक मानव कल्याण को समर्पित है। मेरे तरफ से पांच में से पांच अंक इस पुस्तक के लिए।