ज्योतिष शास्त्र

सनातन धर्म में कर्म आधारित जन्म जीवन का अतीत भविष्य।

अक्सर गाँव में मैंने अपने बाल्य काल में देखा है अनुभव किया है वास्तविकता का अंवेषण किया है जिसके परिणाम मैंने पाया कि ज़ब कोई जातक (बच्चा ) जन्म लेता है तो सबसे पहले माता को उसके स्वर सुनने कि जिज्ञासा होती है नवजात ज़ब रुदन करता है तो माँ के साथ परिजन..

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सनातन धर्म में धर्म कर्म के आधर पर अतीत एवं भविष्य काया कर्म का ज्ञान।

सनातन धर्म के मूल सिद्धांतो में धर्म क़ो जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हुए मान दंड एवं नियमों क़ो ख्याखित करते हुए स्पष्ट किया गया है जिसके अनुसार...

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भविष्यवाणी

नास्त्रेदमस एव बाबा वेंगा कि भविष्यवाणियों के परिपेक्ष्य में नन्दलाल मणि त्रिपाठी कि ज्योतिषीय गणना एव परिणाम।। नास्त्रेदमस के इस क्वाट्रेन आसमान से आग गिरने का जिक्र है जिसे कुछ लोग एलियन या अंतरिक्ष यात्रा से सम्बंधित मानते है इसमें आकाश से हथियार एवं..

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नवसवत्सर -2081 कैसा होगा भारतीय परिपेक्ष्य में

नवसवत्सर 2081 कि ज्योतिषीय व्यख्या। सनातन धर्म कि मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने जिस दिन सृष्टि कि रचना का शुभारम्भ किया था उसी दिन से नववर्ष का भी शुभारम्भ माना जाता जो चैत मास के शुक्लपक्ष कि प्रतिपदा से शुरू होता है । सनातन नव वर्ष के प्रथम दिवस...

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वैश्विक परिपेक्ष्य में वर्ष 2024

सम्पूर्ण वैश्विक परिपेक्ष्य में नव ईस्वी सन 2024 कि ज्योतिषीय गणना

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नववर्ष 2024 भरतीय परिपेक्ष्य में।

नव ईस्वी सन 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में कैसा होगा इस संदर्भ में ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर विष्लेषण। नव वर्ष 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है ।भारतीय नव वर्ष का शुभारम्भ नव संवत्सर 2081 अप्रैल माह में वासन्तिक नवरात्र के प्रथम दिव..

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धर्म ज्योतिष वास्तु अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन

युग मानवता के नाम। नेपाल जो कभी भी औपनिवेश वाद का शिकार नही रहा किसी ने भी नेपाल पर शासन करने या आक्रमण करने का दुस्साहस नही जुटाया। आम लोंगो का मत है कि नेपाल कि भौगोलिक परिस्थियाँ इतनी दुरूह है कि उंसे जीतना एव शासन करना कठिन कार्य दिवा स्वप्न जैसा..

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नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना

नवसंवत्सर पिंगल 2080 कि ज्योतिषीय वैश्विक एव भारतीय परिपेक्ष्य में विवेचना, हर सूर्योदय नए उत्साह उल्लास उपलब्धि का संदेश लाता हुए ब्रह्मांड के प्राणि प्रकृति में नए जीवन उद्देश्य का सांचार करता है। समय काल वक्त कभी नया या पुराना नही होता उसकी नियत हो...

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प्रेत बाधा एव वास्तुदोष

वस्तु दोष एव प्रेत वाधाए विषय पर शोध परक लेख। भूत प्रेत अपार शक्ति सम्पन्न एव इनकी बिभिन्न प्रकार की जातियां होती है भूत प्रेत पिचास राक्षस यम साकिनी डाकिनी चुड़ैल गंधर्व आदि यदि महादशा में चंद की अंतर्दशा और चंद्र दसापति राहु से भाव 6 8 या 12 में ब...

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स्वप्न विवेचना ज्योतिषीय शोध लेख

स्वप्न के सम्बंध में भ्रांतियां एव समाधान पर ज्योतिषीय शोध लेख।मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योतिषीय गणीतिय गणना पर की जाय तो अक्षरशः

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हस्तरेखा का सच एव ज्योतिष विज्ञान।

हस्त रेखा एव ज्योतिषी का सच एक ऐसा विज्ञान आधरित एव शोध परक लेक है जो जन सामान्य को ज्योतिष विज्ञान के प्रति सतर्क कर्यता है एव जानकारी उपलब्ध कराता है। सृष्टि में मनुष्य मात्र ऐसा प्राणी है जो अतीत वर्तमान भविष्य के प्रति जागरूक रहता है अतीत से सीखने...

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जन्मकुंडली एव भूत प्रेत बाधा

सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भाव मे के स्वामी के साथ केंद्र में स्थित है एव पॉपग्रह के साथ है तो शीघ्र जीवन समाप्त हो जाएगा।। # यदि चन्द्रमा सप्तम...

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ज्योतिष धर्म या विज्ञान एव पुनर्जन्म का सच

भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को उपदेश देते हुये कहा है हे अर्जुन सृष्टि युग ब्रह्मांड में मैंने अनेको बार जन्म लिया और तुम्हारे भी ना जाने कितनी बार जन्म हो चुके है मेरे और तुममें फर्क मात्र इतना है कि मेरा जन्म पृथ्वी युग मे जन्म युग ब्रह्मांड...

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