गध लेखन
मतदान (लघुकथा )
यह लघु कथा समाजोपयोगी है, यह कथा हमें हमारे दायित्वों का बोध करवाती है, साथ ही हम अपने विवेक का सद् असद् कैसें व्यावहारिक प्रयोग करें।
Read Moreएक औरत की व्यथा
गांव की औरत की व्यस्तता पर लिखी एक छोटी सी कहानी। जो ये बताती है कि सिर्फ शहर की नहीं बल्कि गांव की औरते भी बहुत मेहनत करती है। कहते है कि शहर मे रहने वाली महिलाओ की जिंदगी बहुत भाग दौड़ भरी होती है। लेकिन गांव की महिलाओ की जिंदगी भी भाग दौड़ से कम न...
Read Moreराष्ट्रोदय लघुकथा
राष्ट्रोदय नामक है लघु कथा राष्ट्र के वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, इस लघु कथा का निर्माण हुआ है। जिनमें प्रबुद्ध वर्ग के छ: पात्रों का संवाद है, निसंदेह यह लघु कथा हमारी सोच को एक नई दिशा प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी..🙏🙏
Read Moreजीत किसकी होगी
मैं श्री जगदेव सिंह संस्कृत महाविद्यालय में सहायक अध्यापक नव्यव्याकरण पद पर कार्यरत हूं व्यवसाय से शिक्षक हूं और मुझे कविता कहानी गीत और अन्य विधाओं में साहित्य सृजन कार्य बहुत अच्छा और रुचिकर लगता है और मेरा जीवन का ध्यैय है कि मैं कि साहित्य सेवा कर...
Read Moreअनोखा..अनमोल तोहफ़ा!
आज "15 अगस्त.. स्वतंत्रता दिवस" की चहल-पहल चारों ओर थी,परंतु,लुधियाना रेलवे स्टेशन के जी०आर०पी० एफ०(government Railway Police Force) के थाना प्रांगण को,कुछ अलग तरह से सजाया गया था।साफ सफाई का खास ख्याल रखा गया था।"ध्वजा रोहण" के लिए बड़े सलीके से तैया...
Read Moreतू खुदा हो गया
सुबह से तीसरी बार ऋचा का फोन अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका था। मगर मैं व्यस्तता के कारण उसका फोन उठा नहीं पा रहा था। तब उसने मां को फोन किया, मां ने हालचाल पूछा और फोन मुझे पकड़ा दिया। हाँ! बोल बेटा -त्रिलोक ने कहा उधर से ऋचा फट पड़ी-
Read Moreशिव से शव तक
शिव महिमा का बखान शब्दभावों में जितना भी किया जाय कम है। परंतु मेरे समझ में जो आया वह ये कि आदि से अंत तक बस शिव ही शिव है।जीवन भर हम शिव मय ही रहते हैं ,शिव के बगैर जीवन असंभव है। शिव = यानि शव + शक्ति (प्राण)। जब तक हमारी साँसें चलती हैं...
Read Moreएक बहू ऐसी भी...
आज मई दिवस के उपलक्ष में,दफ्तर से छुट्टी होने के कारण, सुबह देर तक सोता रहा।शायद कल बरसात होने की वजह से मौसम सुहाना था,इसलिए नींद से जागने का मन ना हो रहा था। अभी भी ना जाने कब तक सोता रहता,अगर मोबाइल की घंटी नहीं बजती।अनमने,मनसे फ़ोन को रिसीव किया- "ह
Read Moreचिट्ठी वाले भैया
रवि जब हाल में पहुँचा, कवि सम्मेलन आरंभ हो चुका था। उसके आगमन की सूचना संचालक महोदय द्वारा दी गई, तो सबकी निगाहें रवि की ओर उठ गईं। उसे आयोजक समिति के पदाधिकारियों द्वारा मंच पर ससम्मान ले जाया जा रहा था कि एक युवा कवयित्री ने आकर उसके पैर छुए...
Read Moreरईसी और मुफलिसी...
काफी अर्से के बाद..मैं, अपने "पत्रकार मित्र,सत्येंद्र शर्मा" के साथ,आसनसोल में उनके अज़ीज़ मित्र की शादी में शिरकत कर,वापस दुर्गापुर..उसकी मोटरसाइकिल पर आ रहे थे। सत्येंद्र के ज़िद भरी अनुग्रह के समक्ष,मेरी एक ना चली थी.. और वैसे भी कल इतवार होने के चलते,
Read Moreचिट्ठी वाले भैया
रवि जब हाल में पहुँचा, कवि सम्मेलन आरंभ हो चुका था। उसके आगमन की सूचना संचालक महोदय द्वारा दी गई, तो सबकी निगाहें रवि की ओर उठ गईं। उसे आयोजक समिति के पदाधिकारियों द्वारा मंच पर ससम्मान ले जाया जा रहा था कि एक युवा कवयित्री ने आकर उसके पैर छुए...
Read Moreरिश्ते का सूत्र
पिछले दिनों मेरा सबसे प्यारा दोस्त कनक मुझसे मिलने आया। उसके चेहरे की उदासी देख मैं समझ गया कि कनक कुछ परेशान सा है। मैंने पूछा भी, तो टाल गया। मगर मैं भी कहां छोड़ने वाला। वैसे भी वो मुझसे हर छोटी बड़ी बात साझा किया करता है। रात में मैंने उससे फिर..
Read More