आध्यात्मिक/धार्मिक प्रेरक प्रसंग

माँ आदिशक्ति

धर्म हेतु मां धरी शरीरा । दीन-दुखी की हरती पीडा़ ।। शंभु - निशुंभ दुष्ट संहारे । दें वर, विप्र भक्त भव तारे ।। सुर किन्नर गंधर्व पुजते।

Read More

भटकते मानव के लिए प्रकाश की एक किरण

जो सामने परिस्थितियाँ है वो प्रारब्धानुसार घटित हो रही है और ईश्वर की वही इच्छा है ईश्वर के प्रति अविश्वास, नकारात्मक मानशिकता एवं खण्डित विश्वास को दर्शाता है...

Read More

श्रेणी