अति संक्षेप शोध सारांश:
साहित्य सृजन, पठन और मानवता के बीच एक अटूट संबंध है जो हमें अपने आप को और दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। साहित्य सृजन और पठन के माध्यम से हम मानवता के गहरे अर्थ को समझ सकते हैं और इसे अपने जीवन में उतार सकते हैं। साहित्य हमें मानवीय मूल्यों जैसे प्रेम, करुणा, न्याय और सत्य की खोज करने में मदद करता है।\r\nमानवता साहित्य के बिना अधूरी है क्योंकि साहित्य हमें वह दृष्टि देता है जिससे हम मानव जीवन को गहराई से समझ सकते हैं। साहित्य मनुष्य को मनुष्य बनाए रखने में मदद करता है।\r\nमानवता की महानता मानव होने में नहीं बल्कि मानवीय होने में है। मानवता हमें सिखाता है कि समस्त मनुष्य एक समान है। मानवता से प्रेम करना ही मानव का प्रथम कर्तव्य है। सच कहें तो मानवता की सेवा ही ईश्वर ही सच्ची पूजा है।
शोधार्थी | सुनीता रानी राठौर |
पता | Village and PO Neora, District Patna - 801113 |
मोबाइल नंबर | 9718433154 |
ई-मेल | rathor.sunitarani@gmail.com |
प्रकार | ई-बुक/ई-पठन |
भाषा | हिंदी |
कॉपीराइट | हाँ |
पठन आयु वर्ग | सभी लोग |
कुल पृष्टों की संख्या | 81 |
ISBN(आईएसबीएन) | |
शोध संस्थान का नाम | दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र |
Publisher/प्रकाशक | दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ई-प्रकाशन केंद्र |
अति संक्षेप शोध सारांश | साहित्य सृजन, पठन और मानवता के बीच एक अटूट संबंध है जो हमें अपने आप को और दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। साहित्य सृजन और पठन के माध्यम से हम मानवता के गहरे अर्थ को समझ सकते हैं और इसे अपने जीवन में उतार सकते हैं। साहित्य हमें मानवीय मूल्यों जैसे प्रेम, करुणा, न्याय और सत्य की खोज करने में मदद करता है।\r\nमानवता साहित्य के बिना अधूरी है क्योंकि साहित्य हमें वह दृष्टि देता है जिससे हम मानव जीवन को गहराई से समझ सकते हैं। साहित्य मनुष्य को मनुष्य बनाए रखने में मदद करता है।\r\nमानवता की महानता मानव होने में नहीं बल्कि मानवीय होने में है। मानवता हमें सिखाता है कि समस्त मनुष्य एक समान है। मानवता से प्रेम करना ही मानव का प्रथम कर्तव्य है। सच कहें तो मानवता की सेवा ही ईश्वर ही सच्ची पूजा है। |
अन्य कोई अभियुक्ति | |
पर्यवेक्षक/मार्गदर्शक | |
अपलोड करने की तिथि | 02-11-2024 |